महान सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती का 455वां उर्स परंपरागत रीति-रिवाज के साथ आरंभ, श्रद्धालुओं ने किया सवाब हासिल

Shamim Siddique
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महान सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती का 455वां उर्स परंपरागत रीति-रिवाज के साथ आरंभ, श्रद्धालुओं ने किया सवाब हासिल

Agra News, फतेहपुर सीकरी: भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले महान सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती का 455वां सालाना उर्स मुबारक शुक्रवार सुबह परंपरागत धार्मिक रीति-रिवाज के साथ शुरू हुआ। उर्स की शुरुआत फतेहपुर सीकरी स्थित दरगाह शेख सलीम चिश्ती में हुई, जहां हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की और अपनी दुआएं अर्पित कीं।

उर्स की शुरुआत और धार्मिक अनुष्ठान

उर्स की शुरुआत दरगाह के सज्जादा नसीन हजरत अयाज उद्दीन चिश्ती फरीदी उर्फ रईस मियां चिश्ती और अरशद अजीम फरीदी द्वारा बाबा शेख सलीम चिश्ती की मजार शरीफ का गुसल करने से हुई। इस धार्मिक प्रक्रिया में गुलाब जल, केवड़ा और चंदन से मजार की पवित्र सफाई की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक स्वरूप गुलाब, जल, केवड़ा और इत्र अर्पित किए।

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देश में अमन-शांति की दुआ

इसके पश्चात रईस मियां चिश्ती ने चादरपोशी की और सभी के लिए दुआ की, जिसमें देश में अमन, शांति और खुशहाली की कामना की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर प्रसाद प्राप्त किया और अपने परिवारों के लिए सुख, समृद्धि और शांति की दुआ की।

प्रमुख शख्सियतों की उपस्थिति

उर्स के इस मुबारक मौके पर कई प्रमुख लोग शामिल हुए, जिनमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हाजी बदरुद्दीन कुरैशी, मास्टर हाजी बदरुद्दीन भाई मियां, अनवर कुरैशी, राशिद हुसैन, रमजान उस्मानी, डॉ. मुस्तकीम और अन्य स्थानीय श्रद्धालु मौजूद रहे। सभी ने इस अवसर पर बाबा शेख सलीम चिश्ती की मजार पर चादर चढ़ाई और अपनी श्रद्धा अर्पित की।

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सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी

उर्स के आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए गए थे। स्थानीय पुलिस की कमान प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र दहिया द्वारा सुनिश्चित की गई, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनी रहे।

महफिल-ए-खाना और धार्मिक कार्यक्रम

उर्स के आरंभ के बाद सज्जादा नसीन रईस मियां चिश्ती की देखरेख में महफिल-ए-खाना का आयोजन भी हुआ, जिसमें हजरत शेख सलीम चिश्ती के बाल मुबारक, छड़ी और अन्य महत्वपूर्ण सामान के दर्शन श्रद्धालुओं को कराए गए। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को चंदन और इत्र भी वितरित किया गया।

उर्स के बाद के आयोजन और मेला

उर्स की शुरुआत के बाद से धार्मिक आयोजन लगातार होते रहेंगे, और यह मौका ईद के बाद एक बड़े मेले में परिवर्तित हो जाएगा। इस मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचेंगे और फतेहपुर सीकरी में धार्मिक माहौल का आनंद लेंगे। यह आयोजन हर साल एक विशेष अवसर बन जाता है, जहां श्रद्धालु अपने पवित्र इरादों और दुआओं के साथ यहां आते हैं।

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हजरत शेख सलीम चिश्ती का उर्स हर साल श्रद्धा, समर्पण और आस्था का प्रतीक बनकर आता है। यह आयोजन न केवल धर्मनिरपेक्षता का संदेश देता है, बल्कि समाज में भाईचारे और अमन की भावना को भी मजबूत करता है। इस साल भी उर्स की शुरुआत ने इसे एक और ऐतिहासिक मोड़ दिया है, जहां श्रद्धालुओं ने अपने दिलों की दुआओं के साथ इस मौके को खास बनाया।

 

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