आगरा: जिले के थाना बरेहन में एक गंभीर मामले में न्यायालय ने दो भाईयों को अशलील हरकत और आईटी एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष की सजा और 2 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला एक युवती से की गई अश्लील हरकतों और सोशल मीडिया पर उसकी वीडियो वायरल करने से जुड़ा है, जिससे संबंधित साक्ष्यों और दलीलों के आधार पर जिला न्यायालय ने यह सजा सुनाई।
मामला क्या था?
13 जुलाई 2023 को वादी मुकदमा ने थाना बरेहन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी भाई प्रताप और भरत पुत्र प्रेम सिंह, जो ग्राम कुरसवां के निवासी हैं, उनकी बहन को खेतों की तरफ जाते समय परेशान करते थे। आरोपियों ने उसे न केवल अश्लील फब्तियां कसीं बल्कि उसे धमकाकर उसके कपड़े उतारने के बाद उसकी अश्लील वीडियो बनाई और उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर वायरल कर दिया। इस वीडियो से युवती का सम्मान और प्रतिष्ठा दोनों ही संकट में पड़ गए थे।
न्यायालय का निर्णय
जिला जज ने मामले की सुनवाई के दौरान डीजीसी बसंत गुप्ता और एडीजीसी देवी सिंह सोलंकी के तर्कों को सुना और दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया। न्यायालय ने आरोपियों को पांच वर्ष की सजा और 2 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला न्यायिक दृष्टिकोण से अहम है क्योंकि यह ऑनलाइन उत्पीड़न और महिलाओं के प्रति अश्लीलता के खिलाफ एक कड़ा संदेश देता है।
आईटी एक्ट का उल्लंघन
इस मामले में आईटी एक्ट की धारा 66E (अश्लील कंटेंट का प्रसारण) और अन्य संबंधित धाराओं का उल्लंघन हुआ था। सोशल मीडिया पर किसी की निजता को हनन करना और बिना अनुमति के उसकी वीडियो बनाकर सार्वजनिक करना एक गंभीर अपराध है, और इसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।
समाज में जागरूकता का संकेत
न्यायालय का यह निर्णय समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश छोड़ता है कि महिलाओं के सम्मान और उनके साथ की गई अशलीलता के खिलाफ कानून पूरी तरह से सख्त है। इस फैसले से यह भी स्पष्ट होता है कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार का उत्पीड़न या अपमान सहन नहीं किया जाएगा।
आगे की कार्रवाई
अब न्यायालय ने दोनों आरोपियों को जेल भेजने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक दंड भी दिया है, जो उनकी हरकतों की गंभीरता को दर्शाता है। इस मामले में आगे की कार्रवाई भी पुलिस द्वारा की जाएगी, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
समाज में इस फैसले की प्रतिक्रियाएँ
इस फैसले को समाज के विभिन्न वर्गों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। महिलाएं और समाजिक कार्यकर्ता इस फैसले को महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक अहम कदम मान रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इसे न्याय के पक्ष में एक सख्त कदम मानते हुए कहते हैं कि यह इस तरह के अपराधों को रोकने में मदद करेगा।