आगरा: गैम्बलिंग एक्ट के तहत आरोपी रमेश चन्द जैन को 14 साल बाद अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। एसीजेएम 2 बटेश्वर कुमार ने आरोपी को बरी करने के आदेश दिए, क्योंकि अभियोजन पक्ष एक भी गवाह पेश नहीं कर सका और न ही कोई ठोस साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत किया गया।
मामला थाना छत्ता क्षेत्र का है, जहां 4 मार्च 2010 को तत्कालीन थानाध्यक्ष विजय कुमार, एसआई लाखन सिंह, एसआई मुख्तयार सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने मुखबिर की सूचना पर शु राम गली, भैरों नाला स्थित एक मकान पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान पुलिस ने रमेश चंद जैन और अन्य को गिरफ्तार किया था। उनसे ताश की गड्डी और नगदी बरामद की गई थी। इस पर पुलिस ने आरोपी और अन्य के खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक जुआ अधिनियम 3/4 के तहत मामला दर्ज किया था।
हालांकि, इस मामले में अन्य आरोपियों की पत्रावली पृथक हो जाने के बाद केवल रमेश चन्द जैन का ही विचारण हुआ था। 14 वर्षों तक चलने वाले विचारण के दौरान, अदालत ने कई बार वादी मुकदमा (तत्कालीन थानाध्यक्ष), दो एसआई और अन्य पुलिसकर्मियों को गवाही देने के लिए अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए थे, लेकिन एक भी गवाह अदालत में पेश नहीं हुआ। इसके अलावा, थाना छत्ता द्वारा आरोपी से बरामद माल भी अदालत में प्रस्तुत नहीं किया गया।
अंततः, एसीजेएम 2 बटेश्वर कुमार ने साक्ष्य के पूर्ण अभाव और आरोपी के अधिवक्ता प्रदीप राठौर के तर्कों के आधार पर आरोपी रमेश चन्द जैन को बरी करने के आदेश दिए।