आगरा। आगरा और फिरोजाबाद के बीच आवागमन के लिए अत्यंत उपयोगी मेहरा नाहरगंज का अधूरा पुल अब जल्द ही पूर्ण रूप लेगा। ग्रामीणों का एक दशक से अधिक समय से चला आ रहा इंतजार आखिरकार कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के प्रयासों से समाप्त होने जा रहा है।

जनपद आगरा के ब्लॉक बरौली अहीर के अंतर्गत गांव मेहरा नाहरगंज में यमुना नदी पर बना पुल विगत दस वर्षों से अधूरा पड़ा है। इसे पूरा कराने के लिए ग्रामीणों ने कई बार ज्ञापन सौंपे, चुनाव बहिष्कार किया और यहां तक कि जल सत्याग्रह भी किया। विधानसभा चुनाव के दौरान जब विधायक बेबी रानी मौर्य गांव में प्रचार के लिए पहुँचीं, तो ग्रामीणों ने पुल निर्माण की शर्त पर ही समर्थन देने की बात कही। मौर्य ने वादा किया कि चुनाव जीतने के बाद वे प्रदेश और केंद्र सरकार से मिलकर पुल का कार्य अवश्य पूर्ण कराएंगी।कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने इस मुद्दे को शासन में प्राथमिकता से उठाया, जिसके बाद पुल निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत की गई। हालांकि निर्माण कार्य केंद्रीय जलमार्ग मंत्रालय से एनओसी की प्रतीक्षा में अटका रहा। इसके लिए मंत्री मौर्य ने लगातार पत्राचार और उच्चाधिकारियों से संपर्क बनाए रखा।
ग्रामीणों का बढ़ता इंतजार और मंत्री का संघर्ष
विधायक के रूप में तीन वर्ष पूर्ण होने के बावजूद कार्य प्रारंभ न होने से बेबी रानी मौर्य स्वयं चिंतित थीं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित संबंधित अधिकारियों से एनओसी जल्द जारी करने की मांग की और स्थानीय जनता के हित में पूरे समर्पण से प्रयासरत रहीं।
मंत्री के प्रयास आए रंग
गुरुवार को सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक आर. वी. दिवाकर ने कैबिनेट मंत्री से मुलाकात कर केंद्रीय मंत्रालय से प्राप्त एनओसी का पत्र उन्हें सौंपा। उन्होंने बताया कि अब निर्माण कार्य में कोई अड़चन नहीं रही और जुलाई माह से कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
यमुना पूजन कर की घोषणा
एनओसी प्राप्त होने के उपरांत कैबिनेट मंत्री गांव मेहरा नाहरगंज पहुंचीं और यमुना नदी के किनारे अधूरे पुल के पास पूजा-अर्चना कर निर्माण कार्य प्रारंभ होने की घोषणा की। उन्होंने एनओसी की अंग्रेजी प्रति को हिंदी में अनुवाद कर ग्रामीणों को समझाया।
35 किलोमीटर की दूरी घटकर होगी मात्र 8 किलोमीटर
पुल के निर्माण से मेहरा नाहरगंज सहित तनौरा, नूरपुर, समोगर, कबीस, बिसारना, कुण्डौल, बमरौली कटारा, धमौटा आदि गांवों को भारी लाभ मिलेगा। ग्रामीणों को फिरोजाबाद और टूंडला जाने के लिए अब बमरौली कटारा, कुबेरपुर और एत्मादपुर होकर लंबा रास्ता नहीं तय करना पड़ेगा। यह पुल लगभग 35 किलोमीटर की दूरी को घटाकर मात्र 8 किलोमीटर कर देगा।
