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आत्मनिर्भर भारत का सपना 50% महिला भागीदारी से ही होगा साकार: राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष विजया रहाटकर

Laxman Sharma
4 Min Read

आगरा: राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत सरकार की माननीय अध्यक्ष, श्रीमती विजया रहाटकर ने बुधवार को आगरा स्थित डावर फुटवियर इंडस्ट्रीज का दौरा किया। “शक्ति संवाद – महिला कर्मियों की बात” कार्यक्रम के तहत उन्होंने फैक्ट्री में कार्यरत महिला कर्मचारियों से सीधा संवाद किया, महिला सशक्तिकरण और उद्योगों में उनकी भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया।

जूता उद्योग में रोजगार की अपार संभावनाएं

इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि फैशन और कपड़ा उद्योग के बाद जूता उद्योग देश का सबसे तेज़ी से बढ़ता क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि भारत में प्रति व्यक्ति फुटवियर की खपत दो से तीन जोड़ी तक है, जिससे स्पष्ट होता है कि यह क्षेत्र निरंतर प्रगति कर रहा है और भविष्य में और ऊंचाइयों को छुएगा। यह महिलाओं के लिए रोज़गार के नए द्वार खोल सकता है।

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केंद्र सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाएं

श्रीमती रहाटकर ने केंद्र सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने जनधन योजना, मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, आयुष्मान भारत और तीन तलाक कानून जैसी पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि आज महिलाएं ड्रोन उड़ा रही हैं, “लखपति दीदी” बन रही हैं और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि देश की आधी आबादी महिलाएं हैं, इसलिए उद्योगों में उनकी भागीदारी भी समान रूप से 50 प्रतिशत होनी चाहिए। उनका मानना है कि तभी विकसित और आत्मनिर्भर भारत का हमारा सपना पूरी तरह साकार हो सकेगा।

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फुटवियर उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद (DCFLI), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के चेयरमैन पूरन डावर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दोहराते हुए कहा कि इंडस्ट्री में महिलाओं की भागीदारी 50% तक होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत में जूता उद्योग में 80-85% तक महिलाएं कार्यरत हैं, जबकि उत्तर भारत में यह आंकड़ा अभी बहुत कम है। डावर ने कहा कि जूता उद्योग में अधिकांश कार्य महिलाएं आसानी से कर सकती हैं और केवल 1-3 महीने की ट्रेनिंग ही उनके लिए पर्याप्त है। यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए असीमित अवसर हैं।

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कौशल विकास से नारी शक्ति को बनाएं मज़बूत: डॉ. बबिता चौहान

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता चौहान ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब नारी शक्ति को और अधिक मज़बूत किया जाए। इसके लिए आवश्यक है कि महिलाओं के कौशल विकास हेतु नियमित रूप से कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए, ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सशक्त बन सकें।

कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डेलिना खोंगदुप, संयुक्त सचिव बी. राधिका चक्रवर्ती, प्रधान निजी सचिव श्री रामावतार सिंह, त्रिशूली क्रिएशंस की श्रुति कौल और पल्लवी महाजन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। धन्यवाद ज्ञापन एफमैक उपाध्यक्ष गोपाल गुप्ता एवं राजेश सहगल ने किया। अतिथियों का स्वागत डावर फुटवियर के प्रबंधक राजीव मिश्रा एवं शालिनी शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की व्यवस्थाएं इन्क्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के ब्रजेश शर्मा, अजय शर्मा एवं डॉ. राम नरेश शर्मा ने संभाली, जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. तरुण शर्मा ने किया।

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यह आयोजन महिला सशक्तिकरण और उद्योगों में उनकी समान भागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है, जो आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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