आगरा। सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है। आगरा में एलिमको कंपनी द्वारा संचालित आसरा सेंटर के संचालक देवेंद्र सविता पर दिव्यांगों के नाम से फर्जी आवेदन कर उपकरण हड़पने का आरोप लगा है।
फर्जीवाड़े का खुलासा
- वकील खान और श्याम कांत ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर देवेंद्र सविता और आसरा सेंटर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
- शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्हें एक साल पहले झांसे में लेकर आवेदन करवाया गया था, लेकिन उपकरण नहीं दिए गए।
- 28 फरवरी को जब वे उपकरण मांगने गए तो उन्हें भगा दिया गया और कहा गया कि उपकरण पहले ही दे दिए गए हैं।
- पोर्टल पर दिखाया गया है कि शिकायतकर्ताओं को उपकरण वितरित किए जा चुके हैं।
देवेंद्र सविता पर आरोप
- देवेंद्र सविता पर भाजपा नेता होने का दावा करते हुए दिव्यांगों के हितों से खिलवाड़ करने का आरोप है।
- उन पर पहले भी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
- भाजपा जिलाध्यक्ष ने देवेंद्र सविता को पार्टी से हटा दिया था, लेकिन वह अब भी दिव्यांग प्रकोष्ठ का जिला संयोजक बताते हैं।
मामले की गंभीरता
- दिव्यांगों के साथ फर्जीवाड़ा एक गंभीर अपराध है।
- देवेंद्र सविता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
- भाजपा को भी इस मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए।
आगे की राह
- इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
- दिव्यांगों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
- सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने चाहिए।
यह मामला दिव्यांगों के साथ हो रहे अन्याय का एक ज्वलंत उदाहरण है। सरकार और समाज को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और दिव्यांगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए।