मथुरा में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का पहला चरण सफल: लाखों किसानों को मिली आधुनिक खेती और पशुपालन की जानकारी

Deepak Sharma
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मथुरा में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' का पहला चरण सफल: लाखों किसानों को मिली आधुनिक खेती और पशुपालन की जानकारी

मथुरा: केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मखदूम में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का प्रथम चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में नए विचारों, आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना था।

कृषि भारत की रीढ़ है, किसान उसकी धड़कन: डॉ. मनीष कुमार चेटली

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि कृषि भारत की रीढ़ है और हमारे किसान उसकी धड़कन। आज जब देश ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर तेजी से बढ़ रहा है, तब यह ज़रूरी है कि हमारी कृषि और पशुपालन पद्धतियाँ वैज्ञानिक, टिकाऊ और लाभकारी बनें।” उन्होंने बताया कि अभियान का यह चरण खरीफ फसल की तैयारी पर केंद्रित था, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़कर उन्नत कृषि और पशुपालन से जोड़ना था।

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राष्ट्रीय स्तर पर चला अभियान, करोड़ों किसानों से सीधा संवाद

यह अभियान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में शुरू किया गया था। इस राष्ट्रीय अभियान के तहत देशभर के 700 से ज़्यादा जिलों में 2170 के करीब वैज्ञानिकों की टीम ने लगभग 1.5 करोड़ किसानों से सीधे बातचीत की।

मथुरा-हाथरस में 30,000 से ज़्यादा किसानों तक पहुँची टीम

मथुरा और हाथरस जिलों में, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के 18 वैज्ञानिकों, 6 तकनीकी अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों ने 270 गांवों में 30,000 से अधिक किसानों से सीधा संपर्क स्थापित किया। टीम ने किसानों की कृषि और पशुपालन संबंधी समस्याओं को सुना और उनके समाधान बताए। साथ ही, अनुसंधान के लिए कई नए विषयों पर भी जानकारी जुटाई गई।

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गाँव में जाने वाली टीम में कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) मथुरा व हाथरस के वैज्ञानिक, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक, राज्य कृषि विभाग मथुरा व हाथरस के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और बैंक के अधिकारियों ने भाग लिया। संस्थान के डॉ. अनुपम कृष्ण दीक्षित ने मथुरा जनपद की टीम का और डॉ. खुश्याल सिंह ने हाथरस टीम का प्रभार संभाला।

पीएम किसान सम्मान निधि और हेमा मालिनी की अपील

इस अभियान के दौरान, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित किसानों की समस्याओं का ऑनलाइन पंजीकरण कर उनके समाधान की दिशा में काम किया गया। मथुरा के विभिन्न वित्तीय संस्थानों और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR), नई दिल्ली के उप महानिदेशक ने भी इसमें सहभागिता की। यह अभियान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अटारी संस्थान, कानपुर के निर्देशन में संचालित किया गया था।

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अभियान के दौरान मथुरा की सांसद और सिने स्टार श्रीमती हेमा मालिनी ने किसानों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित ‘व्हे’ (Whey) और बकरी के दूध से बने प्राकृतिक साबुन का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम में कृषि तकनीकों, बकरी पालन, जैविक एवं प्राकृतिक खेती और ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं पर चर्चा और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। इस आयोजन का प्रसारण दूरदर्शन मथुरा चैनल पर भी किया गया, और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सक्रिय रूप से अभियान से जोड़ा गया।

 

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