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फिरोजाबाद में कमीशनखोरी का खेल: अपर नगर आयुक्त पर लगे गंभीर आरोप, चाकूबाजी तक की नौबत

Dinesh Vashishtha
3 Min Read
फिरोजाबाद में कमीशनखोरी का खेल: अपर नगर आयुक्त पर लगे गंभीर आरोप, चाकूबाजी तक की नौबत

फिरोजाबाद। फिरोजाबाद में करीब डेढ़ साल का कार्यकाल संभाल चुके तत्कालीन अपर नगर आयुक्त अरविंद कुमार राय अपने चार्ज संभालने के साथ ही लगातार विवादों में घिरे रहे। उन पर कमीशनबाजी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें तीन बड़े झगड़े भी शामिल हैं। नगर निगम दफ्तर में यह चर्चा आम थी कि वे शाम के समय लेनदेन करते हैं।

कमीशन को लेकर विवाद और वायरल वीडियो

आर्किड ग्रीन कॉलोनी में ठेकेदारों के घेराव का मामला भी उनके कार्यकाल की सुर्खियों में रहा। इसके बाद जिला मुख्यालय के पास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें निगम के कई ठेकेदार उनसे भुगतान के लिए दी गई धनराशि वापस मांगते नजर आ रहे थे। उन पर आसफाबाद चौराहे पर नालों की सफाई के लिए 45 लाख रुपये की लागत वाले टेंडर में मोटा कमीशन लेने का आरोप भी लगा। इसकी लिखित शिकायत विधायक और स्थानीय पार्षद ने भी की थी।

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हनक और विवादों का पुराना रिश्ता: कानपुर से फिरोजाबाद तक

अरविंद कुमार राय वर्ष 2022 में प्रयागराज से फिरोजाबाद आए थे, उससे पहले वह कानपुर में तैनात थे। उनकी ‘हनक’ हमेशा चर्चा में रही है। बताया जाता है कि कानपुर नगर निगम में तैनाती के दौरान उनका कानपुर मेट्रो के एक इंजीनियर के साथ विवाद काफी सुर्खियों में रहा था, जिसमें अपर नगर आयुक्त पर इंजीनियर को थप्पड़ मारने का आरोप भी लगा था। फिरोजाबाद के आर्चिड ग्रीन में तो ठेकेदार से विवाद के दौरान उन्होंने सब्जी काटने वाला चाकू तक निकाल लिया था, हालांकि बाद में उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।

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फाइलों के भुगतान में 1 से 2% कमीशन का आरोप

नगर निगम के ठेकेदारों का कहना है कि फाइलों को पास करने के लिए अपर नगर आयुक्त, लेखाधिकारी और वर्तमान लेखाकार एक से दो फीसदी तक कमीशन लेते थे। ठेकेदारों के मुताबिक, कई ठेकेदारों की 10 लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक की फाइलें फंसी थीं, जिनके जल्द भुगतान के लिए ‘सुविधा शुल्क’ लिया गया।

लेखाधिकारी का स्थानांतरण भी रुका, भ्रष्टाचार के आरोप बरकरार

नगर निगम के लेखाधिकारी योगेंद्र त्रिपाठी का दो बार जिले से स्थानांतरण हो चुका है, लेकिन वे अभी तक रिलीव नहीं हुए हैं। वहीं, भाजपा नेता के नजदीकी कहे जाने वाले लेखाकार जितेंद्र गुप्ता पर भी अवैध लेनदेन के कई मामले चर्चा में रहे हैं, हालांकि उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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