एटा – जैथरा थाना परिसर में स्थित एक पुरानी इमारत से ईंटें गायब होने का मामला चर्चा में है। यह ईंटें किसी निर्माण कार्य में पुनः उपयोग के लिए बेची गई हैं या चोरी हुई हैं, इसे लेकर नगर में चर्चाओं का दौर जारी है। थाने में बना पुराना मेंस (किचन) अचानक से अपने निशान समेट कर गायब हो गया। थाना परिसर में लगी तीसरी आंखें भी कुछ देर इसलिए चुप हैं क्योंकि उनकी गवाही की किसी जरूरत नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, थाना परिसर में बने पुराने मेस (किचन) को निष्प्रयोगी घोषित किया गया था। नियमों के मुताबिक, ऐसी इमारतों से प्राप्त सामग्रियों को सरकारी नीलामी के माध्यम से बेचा जाना चाहिए और उससे प्राप्त धनराशि को सरकारी खजाने में जमा किया जाना चाहिए। लेकिन इस मामले में न तो कोई नीलामी हुई और न ही ईंटों के गायब होने की आधिकारिक जानकारी उपलब्ध कराई गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग से जुड़ा हो सकता है। अगर ईंटें बेची गई हैं, तो उनकी बिक्री का आधिकारिक दस्तावेज़ कहां है? और अगर चोरी हुई हैं, तो इसकी रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराई गई?
इस घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि कोई आम व्यक्ति सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होती है, लेकिन थाने के अंदर ही ऐसी गतिविधि हो रही है, तो कौन जवाबदेह होगा?