एबीवीपी ने सील यात्रा के समापन के बाद मेज़बान परिवारों ने साझा किए अनुभव
आगरा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के समापन के पश्चात रविवार को राजामंडी स्थित एबीवीपी के प्रांत कार्यालय पर अनुभव कथन कार्यक्रम का अयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मेज़बान परिवारों और एबीवीपी के पूर्व कार्यकर्ताओं ने यात्रा प्रतिनिधियो के साथ बिताए गए तीन दिन के अनुभव को साझा किया।
मेजबान परिवारों ने अतिथियों की विदाई के बाद जब अनुभव कथन प्रांत कार्यालय पर साझा किया तो कई सारे अनोखे अनुभव सामने आए। एकात्मता यात्रा में आए प्रतिनिधियों ने अलग भाषा अलग भेष फिर भी अपना एक देश का जो नारा है उसे साकार रूप दिया। जब मेजबान परिवारों ने बीते तीन दिनों के अनुभव साझा किए तो कई आंखे नम थी।
इस यात्रा में आए कई प्रतिनिधिओं ने मेजबान परिवारों को न सिर्फ कुछ ऐसी सुनहरी यादें दी जिन्हे मेजबान परिवार जीवन पर्यन्त याद रखेंगे अपितु कई मेजबान परिवारों को ऐसा अनुभव दिया, जिससे उन्हें वास्तव में भारत की संस्कृति पर एवं खुद को भारतीय कहने पर कई गुना अधिक गौरवान्वित महसूस कर रहे है।
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां से आए छात्रों के साथ भोजन का अनुभव बेहद रोचक रहा। उनके साथ एक मेज पर बैठकर भोजन करते समय पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में विभिन्न चर्चा हुई। मेज़बान परिवार के यादवेंद्र प्रताप ने कहा कि उनका परिवार पहले भी कई बार ऐसे एकात्मता यात्रा में प्रतिनिधियों के लिए मेजबान परिवार के रूप में अपनी भूमिका निभाता रहा है।
हर बार के अनुभव से पूर्व के अनुभवों में इजाफा हो जाता है। एबीवीपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज नीखरा ने बताया कि पूर्वोत्तर के छात्रों ने सील यात्रा के माध्यम से आगरा में आकर ट्रैन और बड़े बड़े कॉलेज और यूनिवर्सिटी देखे। परिवारों में रहकर छात्रों ने भारतीय संस्कृति और अपनत्व का साक्षात्कार किया है।
स्वागत समिति के अध्यक्ष सुग्रीव सिंह चौहान ने कहा कि एबीवीपी सील यात्रा के माध्यम राष्ट्र सेवा और अनेकता में एकता का अनुकरणीय कार्य कर रहा है। पूर्वोत्तर में जो आज राष्ट्रवाद की बयार चल रही हैं निश्चित रूप से वह एबीवीपी की सील यात्रा के प्रयासों का ही प्रतिफल है। इस दौरान एबीवीपी के प्रांत अध्यक्ष डॉक्टर अमित अग्रवाल, प्रांत संगठन मंत्री मनीष राय, आशीष चंदेल, समाजसेवी संजय अग्रवाल, रजनीश त्यागी, योगेन्द्र त्यागी आदि लोग मौजूद रहे।
जीवन में पहली बार देखे इतने व्यंजन
छात्रों की मेजबानी करने वाले नेत्रपाल ने कहा कि उनके घर में दो छात्र रुके थे। दोनों ही छात्रों के साथ बहुत ही शानदार अनुभव रहा। जलवायु में बहुत अंतर है। नेत्रपाल ने कहा कि जब उन छात्रों को एक शादी समारोह में ले गया तो उन्होंने कहा कि इतने व्यंजन हमने कभी जीवन में नहीं देखे। आगरा के नाश्ते को देखकर वो लोग बहुत प्रभावित हुए।
संस्कारों से परिपूर्ण थे पूर्वोत्तर के छात्र
मेज़बान परिवार की डॉक्टर रेखा चौधरी ने बताया कि सील यात्रा के प्रतिनिधि नए छात्रों को देखकर शुरुआत में बहुत ही संकोच हुआ लेकिन जैसे ही उन्होंने माता पिता और भाई बहिन कहकर संबोधन किया तो अपने पन का भाव झलका। वो छात्र पूर्वोत्तर के जरूर थे लेकिन उनके संस्कारों में सनातन संस्कृति की झलक नजर आई।
साड़ी पहनकर हुए भावुक, भारतीय संस्कृति को सराहा
दीक्षा ने बताया कि मनिपुर और आसाम के दो छात्र घर पर रुके थे। शुरुआत में उनको अपने घर में रोकने में बड़े असहजता महसूस कर रहे थे। लेकिन उनके अपने पन में पूरा परिवार घुल मिल गए। दीपा गोस्वामी ने बताया कि पूर्वोत्तर के छात्र जब हमारे घर में पहुंचे तो एकता का भाव देखने को मिला। हिंदू देवी देवताओं और हमारे धर्म के बारे में हमारे द्वारा जाना।
शादी को देख कर चौंक गए
मेज़बान परिवार के जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मेघालय के दो छात्रों ने जब धूमधाम से हो रही शादी को देखा तो वो कार्यक्रम को देखकर एक रह गए। क्योंकि उन्होंने जीवन में पहली बार इतनी धूमधाम के साथ शादी देखी। पूर्वोत्तर में शादी होने के बाद लड़का लड़की के घर रहने लगता है लेकिन जब उन्होंने यहां देखा कि लडकी विदा होकर लडके के घर गई है तो वो दंग रह गए।