झांसी, उत्तर प्रदेश: झांसी के क्राफ्ट मेला मैदान में इस्कॉन (ISKCON) द्वारा आयोजित प्रथम भव्य जन्माष्टमी महोत्सव में भक्ति और उल्लास का अद्भुत नजारा देखने को मिला। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इस दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया और श्रीकृष्ण भक्ति में लीन हो गए।
पहले दिन की प्रमुख गतिविधियां
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर, पहले दिन शाम 5 बजे से ही हरिनाम संकीर्तन शुरू हो गया, जिससे पूरा वातावरण कृष्णमय हो गया। ब्रजभूमि प्रभु द्वारा प्रस्तुत श्रीकृष्ण कथा ने श्रद्धालुओं को भक्ति और ज्ञान के सागर में डुबो दिया। इस दौरान, श्रील प्रभुपाद के प्रेरणादायक वीडियो ने भक्तों को इस्कॉन आंदोलन की जड़ों और इसके वैश्विक प्रभाव से जोड़ा।
कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण तब आया, जब हजारों भक्तों ने मिलकर श्रीकृष्ण के विग्रह को दूध, दही, शहद और फूलों से स्नान कराया। इसके बाद, महाआरती हुई, जिसमें हजारों दीपों की लौ एक साथ प्रज्ज्वलित हुई, जिससे पूरा मैदान दिव्य आभा से आलोकित हो उठा। कार्यक्रम का समापन महाप्रसाद और माखन-मिश्री वितरण के साथ हुआ।
दूसरे दिन रासलीला और रॉक बैंड कीर्तन
शुक्रवार, 15 अगस्त को, स्वतंत्रता दिवस की उमंग और कृष्ण-भक्ति के रंग में सजी शाम का आगाज़ भव्य रासलीला से हुआ। श्रीकृष्ण की लीलाओं को सजीव होते देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए और “राधे-श्याम” के जयघोष से पूरा मैदान गूंज उठा। इसके बाद, लोकप्रिय कलाकार रोहित भारद्वाज की कृष्ण-भक्ति से भरी प्रस्तुति ने माहौल को और भी खास बना दिया। दिन का सबसे बड़ा आकर्षण रॉक बैंड कीर्तन रहा, जिसने पारंपरिक कीर्तन को आधुनिक संगीत के साथ प्रस्तुत कर युवाओं को भी झूमने पर मजबूर कर दिया।
महोत्सव की भव्यता
महोत्सव स्थल को भव्य रूप से सजाया गया था। रंग-बिरंगी लाइटिंग, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, आध्यात्मिक पुस्तकों के स्टॉल्स, 56 भोग वाले फूड स्टॉल्स और हस्तशिल्प की दुकानें श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रही थीं।
इस्कॉन के अध्यक्ष ब्रजभूमि दास ने झांसी की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस भक्ति और प्रेम से इस महोत्सव को ऐतिहासिक सफलता मिली है, वह अविस्मरणीय है। उन्होंने संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में भी इस तरह का आयोजन और भी बड़े पैमाने पर किया जाएगा, ताकि झांसी को भक्ति और संस्कृति के केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके। इस मौके पर इस्कॉन के उपाध्यक्ष व्रज जन रंजन दास, प्रिय गोविन्द दास, दामोदर बंधु दास, सुंदर मोहन दास और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।