रात ग्यारह बजे तीन युवकों की एक साथ जली चिताएं, उसी स्थान पर जहाँ तीन दिन पहले जले थे पांच साथी
आगरा /खेरागढ़। उटंगन नदी हादसे ने एक बार फिर पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। सोमवार रात खेरागढ़ क्षेत्र के कुशियापुर गांव में मातम का सन्नाटा उस समय और गहरा गया जब रात करीब ग्यारह बजे तीन युवकों विनेश, ओकेश और करन का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
तीन अक्टूबर को इसी स्थान पर पांच युवकों की चिताएं एक साथ जल चुकी थीं। अब उसी घाट पर फिर तीन चिताओं की लपटें उठीं तो गांव की हवा करुण क्रंदन से भर गई। हर आंख नम थी, हर दिल टूट चुका था।घटना के चौथे दिन रविवार को करन का शव नदी से बरामद हुआ था, जबकि पांचवे दिन सोमवार को विनेश और ओकेश के शव एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की 50 पैरा ब्रिगेड की 411 फील्ड यूनिट कंपनी के रेस्क्यू अभियान में मिले। देर रात करीब साढ़े दस बजे तीनों के पार्थिव शरीर गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। परिजनों के बिलखते स्वर और उठती चिताओं के बीच पूरा गांव गम में डूब गया।लोगों ने कहा कि “नदी ने जैसे गांव के भविष्य को ही निगल लिया है। पांच दिन से लगातार चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक आठ युवको की तलाश हुई है।चार की तलाश में सर्च ऑपरेशन चल रहा है।