झांसी, उत्तर प्रदेश, सुल्तान आब्दी: झांसी के नगर निगम वार्ड नंबर 54 में विकास कार्यों में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ओरछा गेट के कपूर टेकरी कब्रिस्तान से मदरसे तक मात्र चार महीने पहले बनीं सड़कें और नालियां अब टूटकर जर्जर हालत में पहुंच गई हैं। मोहल्लेवासियों का आरोप है कि घटिया सामग्री के इस्तेमाल और ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी है। स्थानीय लोगों ने नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मोहल्लेवासियों में भारी आक्रोश है और वे निष्पक्ष जांच तथा ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
चंद महीनों में ही उखड़ गईं ‘विकास’ की परतें
मोहल्लेवासियों ने बताया कि वार्ड नंबर 54 के बाहर ओरछा गेट कपूर टेकरी कब्रिस्तान से मदरसे तक लगभग चार महीने पहले ही नालियों और अपेक्स फार्स (सड़क का एक हिस्सा या मजबूत परत) का निर्माण किया गया था। निर्माण के समय से ही ठेकेदार की कार्यप्रणाली और इस्तेमाल की जा रही सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आ रही थीं। मोहल्लेवासियों ने तत्कालीन नगर आयुक्त और अन्य संबंधित अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की थी।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि ठेकेदार पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई और वह बेखौफ होकर घटिया निर्माण कार्य करता रहा। कई बार जेई देवीलाल शर्मा से शिकायत करने के बाद भी काम को पूर्ण रूप से ठीक नहीं किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि जिस सड़क और नालियों को अभी नया माना जाना चाहिए था, वे अब पूरी तरह से टूट गई हैं और अपेक्स फार्स उखड़ना शुरू हो गया है।
भ्रष्टाचार चरम पर: जेई और ठेकेदार की मिलीभगत का आरोप
इस स्थिति से मोहल्लेवासियों में भारी आक्रोश पनप रहा है। उनका साफ कहना है कि यह कहीं न कहीं भ्रष्टाचार का परिणाम है और चरम सीमा पर पहुंच चुका है। मोहल्लेवासियों ने सीधे तौर पर जेई और ठेकेदार की मिलीभगत का आरोप लगाया है, जिसके चलते वार्ड नंबर 54 में इतना घटिया निर्माण कार्य किया गया है।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि शुरू में ही शिकायतों पर ध्यान दिया जाता और ठेकेदार पर कार्रवाई की जाती, तो आज यह स्थिति नहीं आती। इस घटिया निर्माण से न सिर्फ जनता के पैसे की बर्बादी हुई है, बल्कि उन्हें आवागमन में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग
पीड़ित मोहल्लेवासियों ने अब उच्च अधिकारियों से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषी ठेकेदार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि न सिर्फ ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए, बल्कि उससे घटिया निर्माण की लागत भी वसूली जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
यह मामला झांसी नगर निगम के निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े करता है। प्रशासन को ऐसे मामलों में तत्काल संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे और विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।