अलीगढ़ में एक हिंदू दुकानदार द्वारा मस्जिद में नमाज अदा करने का मामला तूल पकड़ने के बाद समाज में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह घटना उस वक्त सामने आई जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें एक हिंदू व्यापारी मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए दिखाई दे रहे थे। इस घटना के बाद इलाके में जबरदस्त बवाल मच गया और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में व्यापारी का मंदिर में शुद्धिकरण कराया गया।
मामू भांजा बाजार की घटना
अलीगढ़ जिले के अतिसंवेदनशील मामू भांजा बाजार में शुक्रवार को जुम्मा अलविदा के दिन यह अजीब घटनाक्रम घटित हुआ। बताया जा रहा है कि यहाँ के एक हिंदू व्यापारी ने मस्जिद में टोपी पहनकर नमाज अदा की। इस दौरान किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बना लिया और वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जैसे ही इस वीडियो की जानकारी स्थानीय दुकानदारों को मिली, व्यापारी का विरोध शुरू हो गया और उसे मस्जिद से बाहर आने के बाद मंदिर में ले जाकर शुद्धिकरण कराया गया।
व्यापारी का शुद्धिकरण और माफी
व्यापारी को मंदिर में ले जाकर भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने उसे कसम खिलाई गई। इस मौके पर व्यापारी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि यह उसकी अंतिम गलती होगी। उसने कसम खाई कि वह अब हिंदू धर्म के अनुसार ही चलेगा और भविष्य में किसी के बहकावे में आकर कभी मस्जिद नहीं जाएगा। इस दौरान मंदिर में मौजूद व्यापारियों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और पूरा वातावरण धार्मिक ध्वनियों से गूंज उठा।
व्यापारी के मानसिक और शारीरिक स्थिति पर सवाल
इस घटना के पीछे व्यापारी की मानसिक स्थिति को भी कारण बताया गया। व्यापारी के करीबी सूत्रों के अनुसार, सुनील कुमार राजानी नामक यह व्यापारी कुछ समय से बीमार था और हाल ही में पैरालिसिस का शिकार हुआ था। वह दवाइयों के प्रभाव में था, जिसके कारण उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। इसी मानसिक स्थिति का लाभ उठाते हुए एक फकीर ने उसे मस्जिद में नमाज पढ़ने की सलाह दी, जिससे उसका स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। व्यापारी ने उस फकीर की बात पर विश्वास कर शुक्रवार को मस्जिद में नमाज पढ़ने का कदम उठाया।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के कोषाध्यक्ष और व्यापारी मोनू अग्रवाल ने बताया कि फकीर ने व्यापारी से कहा था कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और मस्जिद में नमाज पढ़ने से वह ठीक हो जाएगा। उनका कहना था कि यह घटना गलत थी, लेकिन व्यापारी का इरादा नकारात्मक नहीं था। उन्होंने इस पर स्पष्ट किया कि व्यापारी ने गलती से यह कदम उठाया था और इसके लिए उसे माफी मांगने के बाद शुद्धिकरण भी कराया गया।
सामाजिक मीडिया पर वायरल हुई घटना
वीडियो के वायरल होने के बाद अलीगढ़ के व्यापारियों के बीच इस घटना को लेकर काफी चर्चाएं हुईं। इस घटना ने न केवल धार्मिक भावना को उकसाया, बल्कि पूरे समाज में एक बार फिर से धार्मिक और सांप्रदायिक संवेदनाओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, इस मामले के शांतिपूर्ण हल के रूप में व्यापारी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए शुद्धिकरण प्रक्रिया को अपनाया, लेकिन इससे जुड़े विवाद अब भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं।