आगरा: फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से हुई सनसनीखेज लूट का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने बताया है कि इस वारदात में कंपनी का एक भरोसेमंद कर्मचारी भी शामिल था। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अन्य अभी भी फरार है।
भरोसे का टूटा धागा, अंदर की खबर बनी लूट की वजह
यह घटना 10 फरवरी 2025 को तब हुई जब राजस्थान के दौसा जिले के पलानहेड़ा निवासी शिम्भू प्रजापति फाइनेंस कंपनी से कलेक्शन करके वापस लौट रहे थे। धनीना और जगनेर के बीच बाइक सवार चार बदमाशों ने उन पर हमला कर 1 लाख 30 हजार रुपये नकद, एक टैबलेट, बायोमेट्रिक मशीन और कागजों से भरा बैग लूट लिया था।
पुलिस की एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) और सर्विलांस टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस मामले में तीन आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मजीद (स्वर्गीय अल्लाबक्स का पुत्र), आकाश (लक्ष्मण सिंह का पुत्र) और साहब सिंह (दुर्गी सिंह का पुत्र) के रूप में हुई है, ये तीनों जगनेर थाना क्षेत्र के बसई गांव के रहने वाले हैं। चौथा आरोपी, नाहर सिंह (रामवीर का पुत्र), अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, और पुलिस टीमें उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।
लालच और विश्वासघात की कहानी
पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इस लूट की साजिश में मुख्य भूमिका निभाने वाला मजीद उसी फाइनेंस कंपनी के लिए गांव में काम करता था और कैश कलेक्शन में शिम्भू प्रजापति की मदद करता था। उसने अंदर की सारी जानकारी नाहर सिंह, साहब सिंह और आकाश को दी। इन तीनों ने मजीद को पैसे का लालच देकर अपनी योजना में शामिल कर लिया।
चारों आरोपियों ने मिलकर कछपुरा के पास जंगल में इस लूट को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने के तुरंत बाद लूटी गई रकम में से 25-25 हजार रुपये आपस में बांट लिए गए, जबकि बाकी के 30 हजार रुपये और टैबलेट नाहर सिंह के पास यह कहकर रखवा दिए गए थे कि पकड़े जाने पर यह पैसा काम आएगा। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 30 हजार रुपये नकद और एक बाइक बरामद की है।
पहले भी कर चुके हैं लूट
पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि इसी गिरोह ने इसके बाद ग्राम बसेड़ी के पास एक अन्य फाइनेंस कर्मी से भी लूट की थी। उस घटना में लूटे गए टैबलेट और मोबाइल को आरोपियों ने खेत में फेंक दिया था, जबकि नकदी अपने पास रख ली थी। पुलिस अब फरार आरोपी नाहर सिंह की तलाश तेज कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह ने और कितनी वारदातों को अंजाम दिया है। इस खुलासे से फाइनेंस कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।