‘गली-गली में नारा है, देसी श्वान हमारा है..’, देसी कुत्तों को कैद करने के आदेश के खिलाफ आगरा में पशु प्रेमियों का विरोध प्रदर्शन

Faizan Pathan
Faizan Pathan - Journalist
3 Min Read
'गली-गली में नारा है, देसी श्वान हमारा है..', देसी कुत्तों को कैद करने के आदेश के खिलाफ आगरा में पशु प्रेमियों का विरोध प्रदर्शन

आगरा, उत्तर प्रदेश: दिल्ली-एनसीआर में भारतीय देसी कुत्तों को कैद करने के माननीय उच्च न्यायालय के कठोर आदेश के खिलाफ आगरा में पशु प्रेमियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ‘देश की शान देसी श्वान…’ और ‘गली-गली में नारा है, देसी श्वान हमारा है…’ जैसे नारों के साथ 150 से अधिक पशु प्रेमियों ने नगर निगम से शहीद स्मारक तक रैली निकाली। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य देसी श्वानों को कैद में रखने के फैसले को गलत ठहराना और आगरा नगर निगम के सकारात्मक प्रयासों की सराहना करना था।

 

विरोध का कारण: ‘MCD की नाकामी’

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम (MCD) अपनी असफलता को कुत्तों पर थोप रहा है।

See also  टीकाकरण: बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने का अचूक उपाय, आगरा में कार्यशाला

कैस्पर्स होम ट्रस्ट की सदस्य विनीता अरोड़ा ने कहा कि MCD ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) कार्यक्रम के तहत कुत्तों की नसबंदी नहीं की, तो इसकी सज़ा बेजुबान जानवरों को क्यों दी जा रही है? उन्होंने कहा कि कुत्तों को उनके प्राकृतिक स्थान से हटाने पर वे ट्रॉमा में आकर मर भी सकते हैं।

उन्होंने गैरकानूनी ब्रीडिंग सेंटरों पर कार्रवाई करने की मांग भी उठाई।

 

आगरा नगर निगम से सीख लेने की अपील

प्रदर्शन में शामिल पशु प्रेमियों ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर के अन्य नगर निगमों को आगरा नगर निगम से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने आगरा नगर निगम द्वारा देसी श्वानों के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। इस मौके पर डिम्पी महेंद्र ने कहा कि आगरा में नगर निगम और पशु प्रेमी मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे रेबीज के मामले लगभग खत्म हो गए हैं।

See also  विद्युत संविदाकर्मियों की वायरल ऑडियो से भ्रष्टाचार का खुला खेल उजागर

 

नगर आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

विरोध प्रदर्शन के बाद, सभी पशु प्रेमियों ने नगर आयुक्त के नाम एक ज्ञापन पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह को सौंपा। डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि आगरा नगर निगम ने किसी भी शेल्टर होम का निर्माण नहीं किया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में 60-70 हजार कुत्तों के ऑपरेशन (नसबंदी) किए गए हैं और हर साल 70 हजार रेबीज वैक्सीनेशन भी कराया जा रहा है।

डॉ. सिंह ने कहा कि आगरा नगर निगम का लक्ष्य 2030 तक आगरा को रेबीज-मुक्त शहर बनाना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि निगम का ध्यान कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने और रेबीज उन्मूलन पर है, न कि उन्हें कैद करने पर।

See also  आगरा: पति ने तेजाब से पत्नी को जलाया, पुलिस की लापरवाही से आरोपी जेल से बाहर सक्रिय

इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में कैस्पर्स होम ट्रस्ट, पीएफए (पीपुल फॉर एनीमल), जीव आसरा संस्था, रुद्रा एनिमल वेलफेयर और अन्य संस्थाओं के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

See also  एडीए, पर्यटन विभाग मिलकर 7.5 करोड़ की लागत से सुभाष पार्क का कायाकल्प
Share This Article
Journalist
Follow:
फैजान पठान, संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार, पिछले पाँच वर्षों से भी अधिक राजनीति और सामाजिक सरोकारों पर गहन रिपोर्टिंग कर रहा हु। मेरी लेखनी समाज की सच्चाइयों को सामने लाने और जनसमस्याओं को आवाज़ देने के लिए जानी जाती है। निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित पत्रकारिता के करता आया हु और करता रहूंगा। ( कलम से सच बोलना मेरी पहचान है। )
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement