मेरठ: समाजवादी पार्टी (सपा) के मेरठ जिला उपाध्यक्ष रविंद्र प्रेमी का एक विवादास्पद बयान सामने आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में गर्माहट पैदा कर दी है। उन्होंने सपा सांसद रामजीलाल सुमन का समर्थन करते हुए करणी सेना द्वारा हथियार लहराने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। रविंद्र प्रेमी ने एक पंचायत सभा में बोलते हुए कहा कि आगरा में उनके सांसद के खिलाफ तलवारें लहराई गईं और आने वाला समय बहुत भयंकर होगा, जिसके लिए “मार-काट मचानी पड़ेगी।” उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
दरअसल, मेरठ नगर निगम के चालक अविनाश को गोली मारने के मामले में एक पंचायत आयोजित की गई थी, जिसमें एक बीजेपी पार्षद पर आरोप लगा है। सपा नेता रविंद्र प्रेमी इस पंचायत में शामिल हुए थे, और इसी दौरान उन्होंने यह भड़काऊ बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमारे सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ तलवारें लहराई गईं, ये तो शुरुआत है। आने वाला समय बड़ा भयंकर होगा, मार-काट मचानी पड़ेगी। हथियार उठाने पड़ेंगे और तलवारें लेनी पड़ेंगी। इनका मुकाबला हम तभी कर पाएंगे। नीचे से ऊपर तक पूरा तंत्र हमारे खिलाफ है।”
प्रदर्शन के दौरान करणी सेना ने लहराईं तलवारें:
गौरतलब है कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राजपूत योद्धा राणा सांगा को लेकर दिए गए एक बयान के विरोध में करणी सेना ने उनकी जयंती पर ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ का आयोजन किया था। यह आयोजन आगरा के गढ़ीरामी गांव में हुआ था, जहां बड़ी संख्या में करणी सेना के समर्थक पहुंचे और कथित तौर पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने खुलेआम डंडे और तलवारें लहराईं और सपा सांसद के घर में घुसकर उनकी हड्डियां तक तोड़ने की धमकी दी थी।
इस पूरे विवाद पर सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, “मेरे बयान से किसी को असहमति हो सकती है। लेकिन, हमारे देश में असहमति व्यक्त करने के तरीके हैं। इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। विरोध करने में हिंसा का रास्ता स्वीकार नहीं है। लोकतांत्रिक देश में विरोध प्रदर्शन होते हैं।”
अब सपा नेता रविंद्र प्रेमी का यह भड़काऊ बयान इस पूरे मामले को और तूल दे सकता है। उनके “मार-काट मचानी पड़ेगी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल निश्चित रूप से सामाजिक और राजनीतिक तनाव को बढ़ाने वाला है। इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया आनी बाकी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सपा नेतृत्व इस बयान पर क्या रुख अपनाता है।