Agra News, आगरा: आगरा के बल्केश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ। इस यात्रा में एक हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुईं, जिन्होंने पूरे मार्ग को भक्तिमय बना दिया। इस अवसर पर, कथा वाचन के लिए विख्यात कथा वाचक राजन जी महाराज भी मौजूद थे।
कलश यात्रा का प्रारंभ
कलश यात्रा का शुभारंभ साईं बाबा मंदिर, कमला नगर से हुआ। यात्रा का समय प्रातः 9 बजे निर्धारित था, लेकिन महिलाओं ने पीले और लाल परिधान पहनकर समय से पहले ही वहां एकत्र हो जाना शुरू कर दिया। उन्हें कलश प्रदान किए गए, जिनमें चुनरी और श्रीफल रखे गए थे। महिलाएं इन कलशों को सिर पर धारण कर बैंड बाजों के साथ यात्रा में सम्मिलित हुईं। यात्रा के दौरान महिलाएं कतारबद्ध होकर चल रही थीं, और पुरुष श्रद्धालु जयघोष करते हुए उनका साथ दे रहे थे।
राजन जी महाराज की उपस्थिति
दो घोड़ों के रथ पर विख्यात कथा वाचक, मानस मर्मज्ञ राजन जी महाराज विराजमान थे। उनके रथ का हर स्थान पर स्वागत किया गया और वहां फूलों की वर्षा की गई। यात्रा के मार्ग में राजन जी महाराज का पूजन किया गया और आरती उतारी गई। यात्रा एफ ब्लाक से होती हुई बल्केश्वर महादेव मंदिर पहुंची, जहां महंत कपिल नागर ने उनका स्वागत किया और उन्हें भोले बाबा का आशीर्वाद दिया।
श्रीराम कथा का प्रथम सत्र
शाम को श्रीराम कथा का पहला सत्र शुरू हुआ, जिसमें राजन जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि वे हाल ही में प्रयागराज के महाकुंभ में गंगा मैया को श्रीराम कथा सुना कर आए हैं और अब यमुना मैया को कथा सुना रहे हैं। उन्होंने महाकुंभ में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। राजन जी ने कहा कि जो लोग डुबकी नहीं लगा सके, वे गंगा मैया का स्मरण ही करें, उन्हें उसका सुफल अवश्य मिलेगा।
कथा में प्रमुख लोग
कथा में पूजन करने वालों में महेशचंद, माया देवी, विकास बंसल, कीर्ति बंसल, कपिल बंसल, राम उपाध्याय, मुरारीलाल अग्रवाल, निर्मला अग्रवाल, विनीता गुप्ता, सुरेश मेहता, गिरीश बंसल, अर्चना बंसल, मनोज अग्रवाल, पोली भाई, और मीडिया प्रभारी ऋषि अग्रवाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
नौ सत्रों की शुरुआत
श्रीराम कथा का आयोजन कुल नौ सत्रों में किया जाएगा। यह कथा 17 फरवरी से शुरू होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से दो दिन की देरी हुई। राजन जी महाराज ने कहा कि 23 और 24 फरवरी को प्रातःकाल और सायंकाल भी कथा के सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस प्रकार, कथा के नौ सत्रों का संकल्प सात दिन में पूरा किया जाएगा।
शिव पार्वती विवाह का प्रसंग
कथा के दौरान 20 फरवरी को शाम 4 बजे शिव पार्वती विवाह का प्रसंग भी श्रवण कराया जाएगा। इस विशेष अवसर पर श्रद्धालुओं को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का महत्व और भव्यता बताया जाएगा।