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आगरा : अछनेरा पुलिस की कार्यवाही और विवेचना पर उठे सवाल,न्यायालय की सख्ती

Jagannath Prasad
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न्यायालय ने थानाध्यक्ष और सहायक पुलिस आयुक्त को किया तलब

UP news ,किरावली। थाना अछनेरा पुलिस एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। हाल के दो मामलों में पुलिस की भूमिका पर गंभीर प्रश्न उठे हैं, जिस पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। पेड़ काटने के मामले में पुलिस की विवेचना पर उंगलियां उठ रही हैं,बीते मंगलवार को आगरा पुलिस आयुक्त को तलब किया गया, जबकि झूठे मुकदमे के आरोपों में न्यायालय ने थानाध्यक्ष और सहायक पुलिस आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया है।

थाना अछनेरा में हाल ही में हुए दो मामलों में न्यायालय की कड़ी टिप्पणी सामने आई है। पहला मामला दो दिसंबर 2024 को अछनेरा किरावली मार्ग पर स्थित आगरा टीटीजेड क्षेत्र का है, जहां 19 हरे पेड़ों की कटान की शिकायत हुई थी। वन विभाग ने मौके पर जांच कर पेड़ काटने की पुष्टि की थी और लकड़ी भी बरामद की थी। इस मामले में गंगाधर सिंह कुशवाह और अन्य छह आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम 1976 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप है कि गंगाधर कुशवाह के इशारे पर पेड़ों की कटान हुई, लेकिन पुलिस ने सबूत न मिलने का हवाला देकर उनका नाम हटा दिया। इस पर जगन प्रसाद तेहरिया ने न्यायालय में याचिका दाखिल कर पुलिस की जांच पर सवाल उठाए। एनजीटी ने इस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है और एक अधिवक्ता की नियुक्ति कर याची की पैरवी का आदेश दिया है।

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दूसरा मामला में मुकदमा संख्या 131/2025 , जिसमें अधिवक्ता लोकेंद्र शर्मा द्वारा प्रकरण की पैरवी कर,अजय ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर खुद को झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया। अजय ने दावा किया कि पुलिस ने 25,000 रुपये की रिश्वत लेकर असली आरोपी को छोड़ दिया और उसे फंसा दिया। अदालत ने इस पर थाना परिसर के 10 मई 2025 से 15 मई 2025 तक के सीसीटीवी फुटेज और जीडी रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। थानाध्यक्ष ने अपनी आख्या में कहा कि थाने का सीसीटीवी डाटा केवल तीन दिन तक ही सुरक्षित रहता है, लेकिन इस दावे के समर्थन में कोई शासनादेश, सर्कुलर या नियमावली प्रस्तुत नहीं की। न्यायालय ने इसे न्यायालय के आदेश की अवहेलना माना और सहायक पुलिस आयुक्त तथा थानाध्यक्ष को तीन जून 2025 को व्यक्तिगत रूप से अपने दावे के समर्थन में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

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इस बीच, थाना अछनेरा में हुए विवादों के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है। उनकी जगह देवेंद्र कुमार द्विवेदी ने शुक्रवार शाम को थाना अछनेरा का प्रभार संभाल लिया है।इन दोनों मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल और न्यायालय की सख्त टिप्पणियां एक बार फिर से पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगा रही हैं। देखना होगा कि आने वाले दिनों में पुलिस प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और न्यायालय के आदेशों का अनुपालन किस प्रकार करता है।

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