आगरा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का ग्रीष्मकालीन विधिक इंटर्नशिप कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न: छात्रों को मिला व्यावहारिक ज्ञान

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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आगरा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का ग्रीष्मकालीन विधिक इंटर्नशिप कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न: छात्रों को मिला व्यावहारिक ज्ञान

आगरा: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा द्वारा आगरा कॉलेज, आगरा के सहयोग से संचालित ग्रीष्मकालीन विधिक इंटर्नशिप कार्यक्रम का आज सफलतापूर्वक समापन हो गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विधि विद्यार्थियों को कानूनी प्रक्रियाओं का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना और उन्हें विधिक सेवा तंत्र से जोड़ना था।

वृद्धाश्रम भ्रमण से हुई शुरुआत, सामाजिक संवेदनशीलता पर जोर

कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह राम लाल वृद्धाश्रम, आगरा के शैक्षणिक भ्रमण से हुआ। यहाँ विद्यार्थियों ने वृद्धजनों की देखभाल व्यवस्था, संस्था की कार्यप्रणाली और उनसे जुड़ी कानूनी संरचनाओं को करीब से समझा। इस भ्रमण का लक्ष्य छात्रों को समाज के उपेक्षित वर्गों की सेवा से जोड़ना और उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाना था।

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न्यायाधीशों ने दिए प्रेरणादायी विचार

समापन सत्र में श्री संजय कुमार मलिक, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को विधिक शिक्षा, सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और संवैधानिक मूल्यों की प्रासंगिकता पर संबोधित करते हुए प्रेरणादायक विचार साझा किए।

डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी, अपर जिला न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा ने ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को कानूनी संरचना और सामाजिक सरोकारों से जोड़ने में बेहद सहायक रहा।

पर्यटन कानून और मौलिक अधिकारों पर विशेष सत्र

दोपहर में “पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में विधिक समस्याएं” विषय पर एक ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित हुआ, जिसमें प्रोफेसर लवकुश मिश्रा, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा ने व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि पर्यटन क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण, अनुबंध कानून, मानवाधिकार, पर्यावरण संरक्षण और विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा से संबंधित कई कानूनी पहलू होते हैं, जिनकी जानकारी पर्यटन प्रबंधन और विधि विद्यार्थियों को अवश्य होनी चाहिए।

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इसके बाद “मौलिक अधिकार एवं रिमांड से संबंधित विधि” विषय पर सत्र हुआ, जिसमें श्री महेश चंद्र वर्मा, अपर जिला न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 13, आगरा ने मौलिक अधिकारों की संवैधानिक व्याख्या और रिमांड प्रक्रिया की कानूनी व्याख्या प्रस्तुत की। उन्होंने छात्रों को बताया कि मौलिक अधिकार संविधान द्वारा दिए गए सर्वोच्च अधिकार हैं और रिमांड जैसी कानूनी प्रक्रियाएं नागरिक स्वतंत्रता से सीधे जुड़ी होती हैं। यह सत्र छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी और जानकारीपूर्ण साबित हुआ।

कार्यक्रम का सफल समन्वय और स्वागत

श्री अरुण कुमार दीक्षित, समन्वयक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा ने पूरे कार्यक्रम का सफल समन्वय किया और छात्रों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की।

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डॉ. सी. के. गौतम, प्राचार्य, आगरा कॉलेज, आगरा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम विधिक शिक्षा को व्यवहारिक धरातल पर लाने में अत्यंत सहायक हैं।

डॉ. मदन मोहन शर्मा, अध्यक्ष, श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी ने कहा कि जब शैक्षणिक संस्थान और कानूनी संस्थान मिलकर काम करते हैं, तो समाज में न्याय, सेवा और जागरूकता का एक मजबूत समन्वय स्थापित होता है।

कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागी इंटर्नशिप विद्यार्थियों के साथ राष्ट्रगान के साथ किया गया, जिसमें सभी उपस्थित जनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

 

 

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