Advertisement

Advertisements

मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी ‘खेल’ कर रही अछनेरा पुलिस: निलंबित दरोगा को जगदीशपुरा में तैनात दिखाकर फर्जी रिपोर्ट दाखिल, पीड़ित परिवार न्याय से वंचित

Jagannath Prasad
3 Min Read
मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी 'खेल' कर रही अछनेरा पुलिस: निलंबित दरोगा को जगदीशपुरा में तैनात दिखाकर फर्जी रिपोर्ट दाखिल, पीड़ित परिवार न्याय से वंचित

आगरा/अछनेरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित जन सुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) का उद्देश्य जनता की शिकायतों का पारदर्शी और निष्पक्ष समाधान करना है, लेकिन थाना अछनेरा पुलिस पर अब इस प्रणाली के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लग रहे हैं।थाना अछनेरा में तैनात उपनिरीक्षक सोवरन यादव को अनुशासनहीनता और लापरवाह कार्यशैली के चलते 1 मई 2025 को डीसीपी पश्चिम अतुल शर्मा द्वारा निलंबित कर पुलिस लाइन भेजा गया था। इसके बावजूद, 11 मई को दरोगा की पत्नी सरोज देवी द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत पर अछनेरा पुलिस ने झूठी रिपोर्ट दाखिल कर दी। 31 मई को दी गई रिपोर्ट में पुलिस ने दरोगा को थाना जगदीशपुरा में तैनात दिखा दिया।

दरोगा की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप

पीड़िता सरोज देवी ने बताया कि उनके पति को तत्कालीन थाना प्रभारी ने गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी थी। इस घटना की शिकायत 25 अप्रैल को थाना अछनेरा में की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई, पर वहां भी पुलिस ने मनगढ़ंत रिपोर्ट देकर मामले को रफा-दफा कर दिया।

See also  शराब की दुकानों का आबकारी निरीक्षक ने किया निरीक्षण

रिपोर्ट से खुली पुलिस की कार्यशैली की पोल

दरोगा को निलंबन के बाद पुलिस लाइन भेजा गया था, लेकिन पोर्टल पर उसे थाना जगदीशपुरा में तैनात दिखाना सीधे तौर पर उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना और गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है।थाना जगदीशपुरा प्रभारी निरीक्षक प्रदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि “सोवरन सिंह यादव (PNO:  882412449 ) वर्तमान में हमारे थाने में तैनात नहीं हैं।” वहीं, पुलिस लाइन आरआई विनोद कुमार ने पुष्टि की कि दरोगा फिलहाल लाइन में ही तैनात हैं। जब इस संबंध में डीसीपी पश्चिम अतुल शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि “वह इस मामले को दिखवाएंगे।”

See also  संस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस पर सेमिनार का आयोजन

पीड़ित परिवार न्याय की तलाश में भटक रहा

परिवार ने अब पुलिस आयुक्त आगरा से निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। यह मामला एक बार फिर इस ओर इशारा करता है कि यदि जनसुनवाई पोर्टल जैसे तंत्र का दुरुपयोग यूं ही होता रहा, तो यह सिर्फ औपचारिकता बनकर रह जाएगा।

अब निगाहें पुलिस आयुक्त की कार्रवाई पर

मुख्यमंत्री स्तर की शिकायत प्रणाली में भी जब फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले दबाए जा रहे हों, तो आम नागरिक को न्याय की उम्मीद किससे होगी? अब देखना यह है कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट इस प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या कार्रवाई करता है।

See also  आगरा: थाना ट्रांस यमुना में नई पहल: अच्छे लोगों के लिए कुर्सी, बुरे के लिए हवालात; आगरा में पुलिस और जनता के बीच मजबूत संबंध कायम करने का प्रयास

 

 

Advertisements

See also  इलेक्ट्रिक वाहनों का ही होगा भविष्य
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement