आगरा में 12 जून को महाराजा सूरजमल का ‘विजय दिवस’: उत्तर प्रदेश सरकार मनाएगी भव्य समारोह, तैयारियां जोरों पर

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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महाराजा सूरजमल के आगरा विजय दिवस के बारे में जानकारी देते विधायक डॊ. जीएस धर्मेश। साथ हैं प्रगतिशील जाट महासभा के पदाधिकारी।

आगरा, उत्तर प्रदेश। वीर शिरोमणि भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल के प्रथम विजय दिवस कार्यक्रम को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर शुरू हो चुकी हैं। यह ऐतिहासिक आयोजन 12 जून 2025 को सायं 6 बजे आगरा किले के सामने स्थित रामलीला मैदान में उत्तर प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक एवं पर्यटन विभाग द्वारा भव्य रूप से किया जा रहा है।

सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह होंगे मुख्य अतिथि

इस गौरवशाली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह होंगे। आयोजन के मुख्य संयोजक की भूमिका में छावनी क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व राज्य मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश हैं, जो इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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1761 की लाल किले पर विजय की स्मृति में आयोजन

डॉ. धर्मेश ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह आयोजन भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल की 12 जून 1761 को लाल किले पर हुई विजय की स्मृति में सरकारी स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महाराजा सूरजमल ने अपने पराक्रम से मुगल शासक आलमगीर द्वितीय को युद्ध में परास्त कर आगरा किले पर अधिकार किया था। इतिहास के कुछ विवरणों के अनुसार, उन्होंने ताजमहल में भूसा भरवाकर उसके परिसर को घुड़साल के रूप में इस्तेमाल किया था। उसी दिन को अब ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है।

प्रगतिशील जाट महासभा की प्रमुख भूमिका और मुख्यमंत्री की स्वीकृति

इस आयोजन में प्रगतिशील जाट महासभा के पदाधिकारी प्रमुख भूमिका में हैं। अध्यक्ष पुरषोत्तम फौजदार, संरक्षक यादराम वर्मा, मोहन सिंह सोलंकी, राजेंद्र सिंह चाहर, गजेंद्र चौधरी आदि की सहभागिता में कार्यक्रम की तैयारियां तेजी से चल रही हैं।

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डॉ. धर्मेश के नेतृत्व में महासभा के पदाधिकारियों ने 3 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर यह ऐतिहासिक आयोजन सरकारी स्तर पर कराने की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी थी। मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया था कि महाराजा सूरजमल ने न केवल मुगल साम्राज्य की नींव हिला दी थी, बल्कि छत्रपति शिवाजी और वीर गोकुला जाट के साथ हुए अन्याय का भी प्रतिशोध लिया था।

लोकगायन और नाटक से जीवंत होगा इतिहास

कार्यक्रम में महाराजा सूरजमल के जीवन पर आधारित नाटक, लोकगायन, शौर्य प्रदर्शनी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, जो उनके पराक्रम और बलिदान की गाथा को जीवंत करेंगी। इस आयोजन में पूरे देशभर से जाट समाज के लोग और इतिहास प्रेमी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।

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विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने सभी नागरिकों से इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने की अपील करते हुए कहा कि यह न केवल जाट समाज बल्कि पूरे राष्ट्र के स्वाभिमान से जुड़ा आयोजन है। यह कार्यक्रम महाराजा सूरजमल की वीरता और राष्ट्रीय गौरव को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।

 

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