आगरा : शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अजब गजब कारनामा, यह है पूरा मामला

Jagannath Prasad
5 Min Read
Demo pic,शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अजब गजब कारनामा,

मात्र 19 दिनों में सर्विस रिकॉर्ड में सीधे निलंबन से शिक्षक को मिल गई मनचाही तैनाती

आगरा। जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में हाल ही में हुई निलंबन बहाली में हुई धांधलियों की शिकायतों के बाद खुल रही परतें बेहद गंभीर हैं। जिस प्रकार नियमों एवं उच्चाधिकारियों के आदेशों को दरकिनार करते हुए शिक्षकों से कथित रूप से आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए उनको शहर के नजदीक मनचाही तैनाती प्रदान की गई, इसकी विस्तृत जांच होने पर अधिकारियों से लेकर बाबुओं की गर्दन फंसना तय है।

आपको बता दें कि हाल ही में किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने विभाग में हुई कथित अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की शिकायत जिलाधिकारी और सीडीओ से लेकर शासन में की है। किसान नेता ने निलंबन बहाली में हुए भ्रष्टाचार के खेल के लिए बीएसए के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। किसान नेता की शिकायत में संलग्न निलंबन बहाली के एक विभागीय पत्र को देखकर हर कोई हैरान है।

बताया जाता है कि बीएसए आगरा द्वारा लिखित आदेशानुसार, बाह ब्लॉक के परिषदीय विद्यालय सियाइच में तैनात शिक्षक अमित बंसल को विगत 26 मई को निलंबित किया गया था। जबकि इससे पूर्व 20 मई को ही जनपद के समस्त परिषदीय विद्यालय बंद हो चुके थे। अमित बंसल को मनचाही तैनाती प्रदान करने हेतु बीएसए द्वारा अपने चहेते बीईओ जगत राजपूत को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 28 मई को अमित बंसल के खिलाफ आरोप पत्र जारी करवाया। अमित बंसल के तैनाती वाले बंद विद्यालय(अवकाश के कारण) का कागजी निरीक्षण किया गया। इधर अमित बंसल द्वारा अपने अटैच विद्यालय में कोई उपस्थिति नहीं दी गई, क्योंकि विद्यालय ही बंद थे। 29 मई को अमित बंसल द्वारा अमित बंसल द्वारा बीईओ को अपने आरोप पत्र का जवाब देने के उपरांत 30 मई को बीईओ द्वारा अगले ही दिन 30 मई को निलंबन के चौथे दिन ही बीएसए कार्यालय में जांच आख्या प्रस्तुत कर दी गई। 14 जून को पोर्टल की आड़ में बीएसए द्वारा अमित बंसल को शहर के नजदीक विद्यालय में पदस्थापन की आड़ में एक वेतन वृद्धि रोकते हुए बरौली अहीर ब्लॉक के परिषदीय विद्यालय में तैनाती प्रदान कर दी गई। 15 जून को अमित बंसल द्वारा ब्लॉक पर कार्यभार ग्रहण करते हुए ब्लॉक बरौली अहीर से ही अपने वेतन भुगतान का प्रयास किया गया, लेकिन अभी तक उसकर वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। इस मामले में बड़ा सवाल आखिर यह है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा अमित बंसल का वेतन से लेकर निलंबन भत्ता प्रदान नहीं किया। अमित बंसल को जीवन भत्ता की भी कोई आवश्यकता महसूस नहीं हुई। सिर्फ 19 दिनों में शताब्दी एक्सप्रेस की तरह उसको नवीन तैनाती मिल गई।

See also  UP ByPolls 2024: मायावती ने चला नया दावं, सीसामऊ सीट पर बदला प्रत्याशी, ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतरा

किसान नेता ने लगाया गंभीर आरोप, बेसिक शिक्षा निदेशक को बीएसए कर रहे दरकिनार

किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने बीएसए पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीएसए आगरा अपने आप को विभागीय नियमों एवं उच्चाधिकारियों से भी ऊपर आंककर चल रहे हैं। निलंबन बहालियों में अपने ही विभाग के निदेशक प्रताप सिंह बघेल द्वारा विगत 27 मई को जाती किए गए दिशा निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। किसान नेता ने बताया कि जब जनपद के समस्त परिषदीय विद्यालय वार्षिक अवकाश होने के कारण बंद थे तो शिक्षक का निलंबन कैसे हो गया। बंद विद्यालय का बीईओ द्वारा निरीक्षण भी कर लिया गया। इसके बाद दीर्घ दंड की संस्तुति की गई, जो कि अधिकांश सेवा समाप्ति की आशंका पर ही दी जाती है। शिक्षक को बहाल करने से पहले बीएसए द्वारा उसको कारण बताओ नोटिस जारी करना भी उचित नहीं समझा गया। जबकि निदेशक के स्पष्ट आदेश हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जिन प्रकरणों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों का हिट प्रभावित हो रहा है, में सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए विधिक व्यवस्था, शासनादेश और विभागीय नियमों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट और सुसंगत आदेश पारित किया गया। जबकि आगरा के शिक्षा विभाग में ठीक इसके उलट हो रहा है।

See also  आगरा: पत्नी का खुले में नहाना बना विवाद, साले ने फोड़ा जीजा का सिर
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement