नकली दवा माफिया का देशव्यापी जाल, पुडुचेरी का कुख्यात राजा सिंह भी जांच के घेरे में
विशेष सचिव रेखा एस चौहान बोलीं- छापे के समय दुकानें बंद करने वालों की भी जांच होगी
अब तक चार मुकदमे दर्ज, बंसल मेडिकल स्टोर के संजय, मुकेश और रोहित भी गिरफ्तार किए गए
आगरा। आगरा में नकली दवाओं का कारोबार अब सीमाओं से बाहर निकलकर देशभर में फैले संगठित गैंग का रूप लेता दिख रहा है। जांच एजेंसियों ने अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बरेली, लखनऊ और कानपुर तक इसके लिंक उजागर किए हैं। सबसे बड़ा खुलासा पुडुचेरी के कुख्यात दवा माफिया राजा सिंह का नाम है, जिसे इस गिरोह का प्रमुख खिलाड़ी माना जा रहा है। राजा सिंह फिलहाल फरार है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के लिए तलाश तेज हो गई है।
- नकली दवा माफिया का देशव्यापी जाल, पुडुचेरी का कुख्यात राजा सिंह भी जांच के घेरे में
- विशेष सचिव रेखा एस चौहान बोलीं- छापे के समय दुकानें बंद करने वालों की भी जांच होगी
- अब तक चार मुकदमे दर्ज, बंसल मेडिकल स्टोर के संजय, मुकेश और रोहित भी गिरफ्तार किए गए
- ऑर्गेनाइज्ड गैंग की तरह कर रहा था काम
- कंपनियों ने कहा: इतना प्रोडक्शन कभी किया ही नहीं
- ड्रग विभाग के अंदरूनी सहयोगियों पर भी शिकंजा
- जनता को जागरूक करने की तैयारी
- जांच का दायरा चेन्नई और पुडुचेरी तक
ऑर्गेनाइज्ड गैंग की तरह कर रहा था काम

नकली दवाओं के कारोबार को एक ‘ऑर्गेनाइज्ड गैंग’ बताते हुए, विशेष सचिव रेखा एस. चौहान ने कहा कि यह सिर्फ एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि एक देशव्यापी नेटवर्क है। उन्होंने बताया कि अब तक चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हे मां मेडिकल स्टोर के हिमांशु अग्रवाल पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं, और अब बंसल मेडिकल स्टोर के मालिक संजय, मुकेश और उनके भतीजे सोहित बंसल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके खिलाफ कोतवाली में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है।
कंपनियों ने कहा: इतना प्रोडक्शन कभी किया ही नहीं
जांच में एक बड़ा खुलासा यह हुआ है कि कुछ दवा कंपनियों ने साफ किया है कि बाजार में मिले बैच नंबर की दवाओं का उतना प्रोडक्शन कभी हुआ ही नहीं। इसका मतलब यह है कि 100 डिब्बों का बिल दिखाकर 1000 नकली डिब्बे बेचे गए। गिरोह एक ही बैच नंबर का बार-बार इस्तेमाल करके नकली दवाओं को असली के रूप में बेच रहा था।
ड्रग विभाग के अंदरूनी सहयोगियों पर भी शिकंजा
विशेष सचिव ने बताया कि इस मामले में ड्रग विभाग के अंदर से मदद करने वाले सहयोगियों की भी पहचान की जा रही है। छापे के दौरान जिन दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर ली थीं, उनकी भी जांच होगी। इसके अलावा, दवा माफिया को संरक्षण देने वालों और परिवार के सदस्यों के नाम पर चल रही फर्मों की भी गहन जांच की जाएगी।
जनता को जागरूक करने की तैयारी
नकली और असली दवाओं की पहचान के लिए जनता को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए क्यूआर कोड भी तैयार किया गया है। जांच के दौरान हे मां मेडिकल के गोदाम से 60 करोड़ रुपए का माल मिला है, जिसमें से अब तक साढ़े पांच करोड़ रुपए की दवाएं जब्त की जा चुकी हैं। सभी सैंपलों को लखनऊ की लैब में भेजा गया है, जिस पर सरकार सीधी नजर रख रही है।
जांच का दायरा चेन्नई और पुडुचेरी तक
इस मामले की जांच अब चेन्नई और पुडुचेरी तक फैल गई है। टीमों को इन शहरों में भेजा जाएगा ताकि फरार दवा माफिया राजा सिंह को गिरफ्तार किया जा सके। विशेष सचिव ने साफ किया कि यह कार्रवाई अब रुकने वाली नहीं है और विभाग को अपने काम करने के तरीकों में बड़ा बदलाव लाना होगा।
