आगरा, उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी के एक मौलाना द्वारा डिंपल यादव पर दिए गए कथित अभद्र बयान को लेकर राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है और इस मामले में मौलाना को नोटिस भेजा गया है.
आगरा सर्किट हाउस में महिलाओं से संबंधित जनसुनवाई के मामलों में पहुंचीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस दौरान धर्मांतरण के मुद्दे पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की.
“धर्मांतरण को बढ़ावा देती रही पिछली सरकारें”
महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि पिछली सरकारें धर्मांतरण को बढ़ावा देती रही हैं और अब महिलाओं को धर्मांतरण के प्रति जागरूक होने की ज़रूरत है. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में धर्मांतरण के कई बड़े खुलासे हुए हैं और कई आरोपी गिरफ्तार भी किए गए हैं. आयोग ने चिंता जताई कि उनके संज्ञान में नहीं था कि इतने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है.
पूर्वांचल में धर्मांतरण की चपेट में गरीब महिलाएं, जातियों के आधार पर तय हो रहे थे रेट
आयोग अध्यक्ष के अनुसार, पूर्वांचल के इलाके सबसे ज़्यादा धर्मांतरण की चपेट में हैं. यहाँ गरीब और ज़रूरतमंद महिलाओं को धर्मांतरण का शिकार बनाया जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि धर्मांतरण के लिए जातियों के आधार पर रेट तय कर इसे अंजाम दिया जा रहा था.
भेष बदलकर सक्रिय हैं सरगना: महिला आयोग अध्यक्ष की अपील
महिला आयोग अध्यक्ष ने नाबालिग छात्राओं, युवतियों और महिलाओं से विशेष अपील करते हुए सावधान रहने को कहा है. उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के सरगना भेष बदलकर, हाथ में कलावा और माथे पर टीका लगाकर सक्रिय रहते हैं. ये लोग पहले अपना नाम, पहचान और धर्म छुपा कर दोस्ती करते हैं और फिर धर्मांतरण करवाते हैं.
पूर्वांचल में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों को देखते हुए, महिला आयोग अध्यक्ष ने इस क्षेत्र में 10 दिन के प्रवास की घोषणा की है. वे पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों का दौरा करेंगी, और जिस भी जिले से धर्मांतरण की जानकारी मिलेगी, वहां महिला आयोग खुद उपस्थित रहकर महिलाओं और युवतियों को जागरूक करने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देगा.
धर्मगुरुओं की अभद्र टिप्पणी पर नाराज़गी
आयोग ने धर्मगुरुओं द्वारा महिलाओं पर हो रही लगातार अभद्र टिप्पणी पर भी अपनी नाराज़गी व्यक्त की. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि किसी को भी किसी महिला के प्रति अभद्र टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.
अध्यक्ष ने बताया कि पिछली जनसुनवाई के मामलों में उन्हें सात प्रतिशत समाधान मिला है, जो दर्शाता है कि आयोग महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है.