तहसीलों में बदलेगा लेखपालों का कामकाज, राजस्व परिषद लागू करेगी रोस्टर प्रणाली – प्रमाणपत्र, वरासत और भू अभिलेखों के कार्यों में मिलेगी तेजी, नागरिकों को होगा सीधा लाभ

Pradeep Yadav
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लखनऊ। राजस्व मामलों के शीघ्र और पारदर्शी निस्तारण की दिशा में सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। अब तहसीलों में लेखपालों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए रोस्टर प्रणाली लागू की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत लेखपाल तय दिनांक पर अपने कार्यस्थल पर मौजूद रहेंगे और आमजन से जुड़े कार्यों को ग्राम स्तर पर ही निपटाया जाएगा।

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“डिजिटल होगा राजस्व तंत्र” राजस्व सेवाओं को अब कागजों तक सीमित न रखते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है। इससे न केवल कार्यों में गति और पारदर्शिता आएगी, बल्कि आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी। परिषद अध्यक्ष के मुताबिक, प्रदेश के 10 करोड़ से अधिक नागरिकों को इस व्यवस्था से सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है।“लोगों को तहसील के चक्कर नहीं काटने होंगे” नई व्यवस्था से नागरिकों को हर छोटे काम के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। गाँव में ही प्रमाण पत्र बनवाने, भू-अभिलेख अद्यतन कराने और वरासत जैसे कार्य सहज रूप से हो सकेंगे।“कब लागू होगी व्यवस्था?” राजस्व परिषद ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जल्द ही सभी जिलों को इस बाबत निर्देश जारी किए जाएंगे। माना जा रहा है कि वर्ष के अंत तक राज्य की अधिकांश तहसीलों में यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि नई व्यवस्था के अंतर्गत प्रदेश की सभी तहसीलों में लेखपालों को अलग से कार्यस्थल, हाई स्पीड इंटरनेट और कंप्यूटर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। साथ ही हर लेखपाल को टैबलेट और मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन भी दिया जा रहा है, जिससे वे ग्राम सचिवालय या पंचायत भवन से सीधे नागरिकों को सेवाएं दे सकें।

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उन्होंने बताया कि राजस्व परिषद एक एकीकृत डिजिटल लॉगिन प्रणाली विकसित कर रहा है, जिसके जरिए प्रमाण पत्रों की संस्तुति, भू-अभिलेखों का अद्यतन और वरासत संबंधी कार्य एक ही पोर्टल से संभव होंगे।

“डिजिटल होगा राजस्व तंत्र”
राजस्व सेवाओं को अब कागजों तक सीमित न रखते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है। इससे न केवल कार्यों में गति और पारदर्शिता आएगी, बल्कि आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी। परिषद अध्यक्ष के मुताबिक, प्रदेश के 10 करोड़ से अधिक नागरिकों को इस व्यवस्था से सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है।

“लोगों को तहसील के चक्कर नहीं काटने होंगे”
नई व्यवस्था से नागरिकों को हर छोटे काम के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। गाँव में ही प्रमाण पत्र बनवाने, भू-अभिलेख अद्यतन कराने और वरासत जैसे कार्य सहज रूप से हो सकेंगे।

“कब लागू होगी व्यवस्था?”
राजस्व परिषद ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जल्द ही सभी जिलों को इस बाबत निर्देश जारी किए जाएंगे। माना जा रहा है कि वर्ष के अंत तक राज्य की अधिकांश तहसीलों में यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

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