Agra News, जगनेर (बसई जगनेर)। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अवैध बूचड़खानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और धार्मिक स्थलों के आस-पास मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के अपने कड़े फैसलों के लिए जानी जाती है, लेकिन थाना बसई जगनेर क्षेत्र के तांतपुर कस्बे में मुख्य सड़क के पास ही इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां न केवल अवैध बूचड़खाने बल्कि अनैतिक गतिविधियों वाले अवैध होटल भी धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं।
स्थानीय निवासियों से मिली जानकारी के अनुसार, तांतपुर कस्बे में मुख्य मार्ग के निकट तीन से चार अवैध बूचड़खाने बिना किसी डर के संचालित हैं। इन बूचड़खानों में अवैध रूप से पशु कटान किया जा रहा है, जो न केवल कानूनी बल्कि स्वच्छता के मानकों का भी उल्लंघन है।
अवैध वसूली का अड्डा बने होटल
अवैध बूचड़खानों के साथ ही क्षेत्र में अवैध होटलों का संचालन भी बदस्तूर जारी है। इन होटलों पर ग्राहक बिठाकर उन्हें अवैध रूप से शराब पिलाई जाती है और मनमानी कीमतों पर वसूली की जाती है। इन गतिविधियों से इलाके का माहौल खराब हो रहा है और कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती खड़ी हो रही है।
पहले भी हुई थी शिकायत, पुलिस कार्रवाई के बाद भी ‘दबंगई’
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इलाके में बिजलीघर के समीप संचालित इन अवैध बूचड़खानों और होटलों की शिकायत पहले भी स्थानीय विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर (JE) ने थाने में की थी। शिकायत के बाद, स्थानीय पुलिस ने कुछ समय के लिए इन दुकानों और होटलों को बंद भी करवा दिया था।
लेकिन, सूत्रों का कहना है कि होटल संचालक ने अपने कथित “दबदबे” का इस्तेमाल करते हुए न केवल अवैध बूचड़खानों को दोबारा चालू करवा दिया, बल्कि अपना खुद का एक नया होटल भी संचालित करना शुरू कर दिया। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन की ढीली पकड़ और अवैध संचालकों के बुलंद हौसलों को दर्शाती है।
थाना इंचार्ज बोले- ‘जांच के बाद होगी सख्त कार्रवाई’
इस गंभीर मामले पर जब बसई जगनेर थाना इंचार्ज से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो अवैध बूचड़खानों और होटलों के संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सवाल यह है कि योगी सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, आखिर क्यों तांतपुर जैसे कस्बे में अवैध गतिविधियां निर्बाध रूप से चल रही हैं? क्या स्थानीय पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से यह सब हो रहा है? स्थानीय लोगों को अब पुलिस की जांच और उसके बाद होने वाली उचित कार्रवाई का इंतजार है, ताकि कस्बे को इन अवैध अड्डों से मुक्ति मिल सके और कानून का राज स्थापित हो सके।