आगरा में लखनऊ और मथुरा की घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश, 20 मार्च को होगा आंदोलन

MD Khan
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आगरा में लखनऊ और मथुरा की घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश, 20 मार्च को होगा आंदोलन

आगरा:  राजधानी लखनऊ और मथुरा में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के साथ की गई बर्बरता और अभद्रता के बाद, आगरा में भी अधिवक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। लखनऊ में हुए अधिवक्ताओं पर बर्बर लाठीचार्ज और मथुरा में एक वकील के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे के बाद, आगरा के अधिवक्ताओं ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

आज जनमंच के आह्वान पर आगरा सिविल कोर्ट परिसर के गेट नंबर 2 पर सुबह 11 बजे अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान, अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुलिस के अत्याचार के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया। “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद,” “अत्याचार नहीं सहेगे,” और “अधिवक्ता एकता जिन्दाबाद” के नारे लगाए गए। जुलूस के रूप में निकले इस विरोध प्रदर्शन ने सिविल कोर्ट परिसर में एक सभा का रूप ले लिया, जहां अधिवक्ताओं ने अपनी बात रखी।

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लखनऊ और मथुरा की घटनाओं की कड़ी निंदा

सभा में अधिवक्ताओं ने लखनऊ और मथुरा की घटनाओं की कड़ी निंदा की और कहा कि प्रदेश में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। एक के बाद एक घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस का मनोबल अब इतना बढ़ चुका है कि वह अधिवक्ताओं के खिलाफ हर स्तर पर हिंसा और उत्पीड़न करने से नहीं कतराती। गाजियाबाद, लखनऊ, मथुरा, प्रयागराज जैसे मामलों में पुलिस का अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और सरकार इन घटनाओं पर मूक समर्थन दिखा रही है, जिससे अधिवक्ताओं में आक्रोश है।

अधिवक्ताओं ने यह भी जोर देकर कहा कि लखनऊ और मथुरा की घटनाओं में शामिल पुलिसकर्मियों को तुरंत बर्खास्त कर जेल भेजा जाए। साथ ही, पुलिस द्वारा उत्पीड़ित अधिवक्ताओं को मुआवजा दिया जाए।

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चेतावनी और आगामी रणनीति

आधिकारिक बैठक में अधिवक्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो प्रशासन का पुतला दहन किया जाएगा। इसके अलावा, 20 मार्च 2025 को एक अहम बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आंदोलन की आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में प्रदेशभर के अधिवक्ताओं को शामिल किया जाएगा और उस बैठक में तय किया जाएगा कि आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाए।

बार काउंसिल से अपील

सभा के दौरान बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अपील की गई कि वे इन घटनाओं पर संज्ञान लें और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार और प्रशासन ने जल्द ही इस मुद्दे पर गंभीर कदम नहीं उठाए, तो यह मामले पूरे प्रदेश में वकील समाज के आंदोलन का रूप ले सकते हैं।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता और प्रमुख उपस्थित लोग

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जनमंच के अध्यक्ष चौ० अजय सिंह और चौ० हरदयाल सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन पवन कुमार गुप्ता ने किया। इस मौके पर आगरा एडवोकेट एसोसिएशन के महामंत्री फूल सिंह चौहान, राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा, सचिव धीरेन्द्र गुप्ता, अधिवक्ता सहयोग समिति के अध्यक्ष उमेश कुमार वर्मा, सचिव के०पी० वर्मा, अधिवक्ता हेल्प एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिन्हा, बंगाली शर्मा, सत्येन्द्र कुमार यादव, श्याम सुन्दर उर्फ प्रशान्त सिकरवार, शिवराम सिंह चौहान, अशोक दीक्षित और अन्य कई प्रमुख अधिवक्ता उपस्थित रहे।

 

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