सर्कस से बचाए गए टस्कर हाथी ने अभयारण्य में पूरे किए आजादी के 14 साल!

Dharmender Singh Malik
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सर्कस से बचाए गए टस्कर हाथी ने अभयारण्य में पूरे किए आजादी के 14 साल!

राजेश की नई ज़िंदगी की शुरुआत

राजेश, एक लंबा और शाही दाँतों वाला नर हाथी, 2010 में उत्तर प्रदेश के एक सर्कस से बचाया गया था। सर्कस में उसे शाही करतब दिखाने के लिए क्रूर प्रशिक्षण दिया जाता था। लेकिन अब, 14 साल बाद, राजेश मथुरा स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी अभयारण्य में अपनी आज़ादी का आनंद ले रहा है।

सर्कस में कष्टप्रद जीवन

सर्कस में राजेश को दिखाए जाने वाले करतबों में उसे अपने पिछले पैरों पर खड़े होकर फुटबॉल खेलने के लिए मजबूर किया जाता था। दर्शकों के लिए यह मनोरंजन का साधन था, लेकिन इसके पीछे छिपा था दर्द। उसे घंटों प्रताड़ित किया जाता था, लाठियों और बुल हुक से पीटा जाता था, जिससे उसे मानसिक और शारीरिक कष्ट झेलने पड़े।

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वाइल्डलाइफ एसओएस का हस्तक्षेप

राजेश का जीवन सर्कस में एक दर्दनाक यात्रा थी, लेकिन वाइल्डलाइफ एसओएस ने उसे बचाकर एक नया जीवन दिया। शुरुआत में वह डरा और सहमा हुआ था, लेकिन उसके पुनर्वास में लगे पशु चिकित्सा दल और देखभाल करने वाले कर्मचारियों ने उसे समय और विश्वास दिया। जैसे-जैसे समय बीतता गया, राजेश धीरे-धीरे शांत हुआ और उसकी खोई हुई ताकत को पुनर्जीवित किया गया।

स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ता हुआ राजेश

आज, राजेश स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहा है। उसे ताजे फल और सब्जियाँ जैसे कद्दू, लौकी, तरबूज और कच्चे केले दिए जाते हैं, जिससे उसे उचित पोषण मिलता है। वह अब अपने नाखूनों और फुटपैड की नियमित देखभाल भी करता है, और उसकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हुआ है।

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वाइल्डलाइफ एसओएस का योगदान

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “राजेश ने जो दर्द सहा, उसे समझना हमारे लिए बहुत मुश्किल है। हमने उसे उसकी आज़ादी दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की, और आज वह एक प्यार और देखभाल से भरे जीवन का आनंद ले रहा है। यह हमारे लिए गर्व और खुशी का पल है कि आज वह अपनी आज़ादी के 14 साल पूरे कर चुका है।”

राजेश के जीवन में स्नेह और करुणा

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “राजेश का दूसरा भाग पूरी तरह से करुणा और स्नेह से भरा हुआ है। हाथी देखभाल कर्मचारी सुनिश्चित करते हैं कि उसकी सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखा जाए, और ताजे सब्जियों के माध्यम से उसका पौष्टिक आहार सुनिश्चित किया जाता है।”

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राजेश की खुशहाल ज़िंदगी

बैजूराज एम.वी., डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एसओएस ने कहा, “राजेश की स्थिति में 15 वर्षों के प्रयासों के बाद काफी सुधार हुआ है। उसे अब हमारी देखभाल में सुखी जीवन जीते हुए देखना हमारे लिए एक बड़ी खुशी है।”

राजेश की यात्रा – संघर्ष से आज़ादी तक

राजेश की कहानी यह साबित करती है कि सच्चे प्यार, देखभाल और कड़ी मेहनत से किसी भी जीव को नया जीवन मिल सकता है। वह अब स्वतंत्र और खुशहाल जीवन जी रहा है, और उसकी यात्रा से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने साथियों के लिए करुणा और देखभाल दिखानी चाहिए।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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