दो अंधकारमय जिंदगियां होंगी रोशन, शमसाबाद की श्रीमती शकुंतला देवी ने किया नेत्रदान

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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शमसाबाद की श्रीमती शकुंतला देवी का फाइल फोटो

आगरा: शमसाबाद निवासी श्रीमती शकुंतला देवी, जो श्री सत्यदेव आर्य की धर्मपत्नी थीं, ने आज अपने जीवन की अंतिम सांस ली। उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार नेत्रदान का फैसला लिया, जिससे दो अंधकारमय जिंदगियां रोशन होने जा रही हैं। श्रीनाथजी परिवार धर्मार्थ ट्रस्ट के संरक्षक कुंजविहारी अग्रवाल से संपर्क कर परिजनों ने नेत्रदान की प्रक्रिया को प्रारंभ किया।

श्रीमती शकुंतला देवी के नेत्रदान के लिए ट्रस्ट के संयोजक पवन कुमार अग्रवाल ने एसएन हास्पिटल की टीम से संपर्क किया। एसएन अस्पताल के नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ. स्निगधा सैन, नेत्र बैंक प्रभारी डॉ. सैफाली मजूमदार और उनके मार्गदर्शन में गिफ काउंसलर दीपक शर्मा एवं उनकी टीम ने शमसाबाद से कार्निया (कॉर्निया) का संग्रहण किया। इस पूरी प्रक्रिया में क्षेत्रीय बजाजा कमेटी के नेत्रदान वाहन ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य सुभाष शर्मा, डॉ. अरुण गुप्ता और डॉ. नीतू गुप्ता भी उपस्थित रहे। पवन कुमार अग्रवाल ने लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक नेत्रदान करें ताकि अधिक से अधिक नेत्रहीन व्यक्तियों को दृष्टि मिल सके। नेत्रदान के लिए संपर्क करने के लिए उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 8445224011 पर कॉल करने की भी अपील की।

यह कार्य न केवल एक परिवार के लिए सम्मान का विषय है, बल्कि समाज में नेत्रदान के महत्व को बढ़ावा देने और अंधता को समाप्त करने में भी योगदान देता है। इस महान कार्य से एक नई उम्मीद की किरण उत्पन्न हुई है और यह दिखाता है कि हमारे समाज में दान की भावना कितनी प्रगाढ़ है।

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