प्रतिबंधित छेत्र में निर्माण कराने के आरोपी को दो वर्ष कैद

MD Khan
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■ 50 हजार रुपयें का जुर्माना भी भुगतना होगा

■ ग्राम न्यायालय किरावली ने किया दंडित

आगरा। प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 की धारा 30 क कें तहत आरोपित राजू पुत्र हाजी नबाब निवासी तेरह दरवाजा फतेहपुर सीकरी, जिला आगरा को दोषी पातें हुये ग्राम न्यायालय किरावली कें पीठासीन अधिकारी अनुभव सिंह नें दो वर्ष कैद एवं 50 हजार रुपये कें अर्थ दंड से दंडित किया।

थाना फतेहपुरसीकरी में दर्ज मामलें के अनुसार वादी मुकदमा ज्ञान सिंह द्वारा द्वारा रिपोर्ट दर्ज करा आरोप लगाया कि, 10 जनवरी 2014 को आरोपी राजू पुत्र नबाब सिंह निवासी तेरह दरवाजा फतेह पुर सीकरी को राष्ट्रीय महत्त्व कें केंद्रीय सरंक्षण प्राप्त स्मारक /पुरा स्थल तेरह दरवाजा फतेहपुर सीकरी कें प्रतिबंधित इलाकें में चारदीवारी का निर्माण करतें पाया गया, जो पूर्णतया अवैध कृत्य था।

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किसी भी पुरातत्व स्मारक कें 100 मीटर कें दायरे को प्रतिषिद्ध एवं 200 मीटर कें दायरे को विनियमित इलाका घोषित करनें पर निर्माण, खनन इत्यादि पूर्णतया वर्जित माना जाता है, विनियमित इलाकें 200 मीटर कें अंतर्गत अधिकारी की अनुमति उपरांत ही कोई निर्माण कराना सम्भव है ,आरोपी कें कृत्य पर उसकें विरुद्ध धारा 30 क एवं 30 ख प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 19 58 कें तहत मुकदमा दर्ज हुआ था,आरोपी कें विरुद्ध मुकदमें की विवेचना उपरांत विवेचक राम वीर सिंह द्वारा आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया गया था।

मुकदमें कें विचारण उपरांत ग्राम न्यायालय किरावली कें पीठासीन अधिकारी अनुभव सिंह नें आरोपी को धारा 30 क कें तहत दोषी पातें हुये दो वर्ष कैद एवं 50 हजार रुपये कें अर्थ दंड से दंडित किया।

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