झांसी, सुल्तान आब्दी: झांसी शहर में मसाज और स्पा सेंटरों के लिए स्पष्ट नियमों और कानूनों की कमी के चलते देह व्यापार का अवैध कारोबार तेजी से पनप रहा है। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए इन सेंटरों के संचालक लाइसेंस होने का दावा करते हैं, जबकि हकीकत यह है कि आयुर्वेद विभाग केवल पंचकर्म थेरेपी के लिए ही सेंटर खोलने की अनुमति देता है, वह भी आयुर्वेद में डिप्लोमा धारक युवतियों के प्रमाणपत्र के आधार पर।
मसाज सेंटरों की आड़ में चल रहे इस घिनौने धंधे पर पुलिस की चुप्पी भी कई गंभीर सवाल खड़े करती है। शहर में संचालित अधिकांश मसाज और स्पा सेंटरों में काम करने वाली युवतियां दूसरे जिलों या राज्यों से लाई जाती हैं। थेरेपी देने के नाम पर नौकरी कर रही इन युवतियों के पास किसी भी प्रकार का योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र नहीं होता। यहां स्पा सेंटर के नाम पर खुलेआम जिस्मफरोशी का धंधा चलता है। सूत्रों की मानें तो स्थानीय पुलिस को इन सेंटरों के बारे में पूरी जानकारी होती है, लेकिन वे इन पर कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाते।
इन स्पा सेंटरों में ‘फुल मसाज’ के नाम पर तीन से पांच हजार रुपये तक वसूले जाते हैं। काउंटर पर पैसे जमा कराने के बाद ग्राहकों को केबिन में युवतियों के साथ भेज दिया जाता है। शहर के विभिन्न इलाकों में चल रहे ये स्पा सेंटर किराए के मकानों और बिल्डिंगों में संचालित होते हैं। हॉल किराए पर लेकर केवल चार केबिन बनवाए जाते हैं और धड़ल्ले से देह व्यापार शुरू हो जाता है।
इस अवैध धंधे के जानकारों की मानें तो पुलिस कई कारणों से इन स्पा सेंटरों पर कार्रवाई करने से बचती है। पहला कारण यह है कि इन सेंटरों में कई हाई-प्रोफाइल ग्राहक आते हैं और वे पेशेवर तरीके से काम करते हैं, जिससे पुलिस को कई बार मजबूत सबूत नहीं मिल पाते। दूसरा कारण यह है कि जुटाए गए सबूतों को कोर्ट में ठोस साक्ष्य के रूप में साबित कर पाना मुश्किल होता है, जिसके चलते केस कमजोर पड़ जाता है। इसके अलावा, सेंटर में काम करने वाली युवतियों और ग्राहकों के बालिग होने के कारण भी पुलिस कानूनी कार्रवाई से कतराती है।
ऐसे में, झांसी में मसाज और स्पा सेंटरों के नाम पर चल रहा यह अवैध कारोबार नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ा रहा है, और पुलिस की कथित मिलीभगत से यह धंधा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।