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यूनिसेफ ने 102 एम्बुलेंस सेवा को जननी शिशु सुरक्षा के लिए बताया वरदान

Arjun Singh
2 Min Read
यूनिसेफ ने 102 एम्बुलेंस सेवा को जननी शिशु सुरक्षा के लिए बताया वरदान

अलीगढ़: राजकीय महिला अस्पताल में चल रहे 108 व 102 एम्बुलेंस के ईएमटी प्रशिक्षण में यूनिसेफ के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर हैदर रजा नख़वीं ने भाग लिया। उन्होंने चार जिलों के ईएमटी को एम्बुलेंस में उपलब्ध उपकरणों, आपातकालीन दवाओं, स्वच्छता और मरीजों की देखभाल पर मार्गदर्शन दिया।

नख़वीं ने 102 एम्बुलेंस सेवा को जननी शिशु सुरक्षा योजना के लिए वरदान बताया और कहा कि इसके बिना यह योजना अधूरी है। उन्होंने बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास करने पर जोर दिया।

जननी शिशु सुरक्षा योजना के लाभ

  • गर्भवती महिलाओं को मुफ्त प्रसव (सीजेरियन सहित)।
  • मुफ्त दवाएं, निदान, रक्त और आहार।
  • घर से अस्पताल और अस्पताल से घर तक मुफ्त परिवहन।
  • रेफरल के मामले में मुफ्त परिवहन।
  • जन्म के 30 दिनों तक बीमार नवजात शिशु का मुफ्त इलाज।
  • नवजात और एक साल तक के बीमार बच्चों के लिए मुफ्त दवाएं, निदान और रक्त।
  • सभी उपयोगकर्ता शुल्क से छूट।
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लखनऊ से आए प्रशिक्षक अभिषेक और संजीव कुमार ईएमटी को प्रशिक्षण दे रहे हैं। 102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर अरशद ने बताया कि ईएमटी के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज लगातार सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। प्रशिक्षण में नोएडा के प्रोग्राम मैनेजर संजय त्यागी और गाजियाबाद 108 एम्बुलेंस सेवा के प्रभारी अमन भी उपस्थित थे।

108 व 102 एम्बुलेंस सेवाएं

  • 108: किसी भी आपात स्थिति के लिए (तेज बुखार, दिल का दौरा, रक्तचाप, पशु का काटना आदि)।
  • 102: गर्भवती महिलाओं और 2 वर्ष तक के नवजात शिशुओं के लिए घर से अस्पताल और अस्पताल से घर तक मुफ्त परिवहन।
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इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य एम्बुलेंस कर्मियों को उनकी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना है, ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को समय पर और प्रभावी ढंग से चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकें।

 

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