उत्तर प्रदेश: बुनियादी सुविधाओं के मामले में सहारनपुर जिले की स्थिति विरोधाभासों से भरी है। एक तरफ, यहाँ हवाई अड्डा तो है, लेकिन वहाँ से अभी तक कोई उड़ान शुरू नहीं हुई है, और दूसरी तरफ, रोडवेज बसों की भरमार होने के बावजूद शहर में कोई स्थायी बस अड्डा नहीं है। इन दोनों समस्याओं से जिले के लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि, स्थानीय जनप्रतिनिधि इन समस्याओं के जल्द समाधान का दावा कर रहे हैं।
उद्घाटन के बाद भी ठप है हवाई सेवा
सहारनपुर के सरसावा स्थित हवाई अड्डे का उद्घाटन अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था। लगभग 65 एकड़ ज़मीन पर बने इस हवाई अड्डे के निर्माण में लगभग 55 करोड़ रुपए की लागत आई थी। उद्घाटन को लगभग एक साल होने वाला है, लेकिन अभी तक यहाँ से एक भी उड़ान शुरू नहीं हो पाई है। जनता लगातार अपने जनप्रतिनिधियों से यह सवाल पूछ रही है कि आखिर कब सहारनपुर से हवाई सेवाएँ शुरू होंगी।
तीन अलग-अलग जगहों से होता है बसों का संचालन
जिले की दूसरी बड़ी समस्या स्थायी बस अड्डे का अभाव है। वर्तमान में रोडवेज की बसें शहर में तीन अलग-अलग स्थानों से संचालित हो रही हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
- दिल्ली रोड, काशीराम कॉलोनी: यहाँ से दिल्ली, शामली, बागपत और लोनी के लिए बसें चलती हैं। यह एक अस्थायी बस अड्डा है, जिसकी हालत बेहद खराब है।
- मानकमऊ इलाका: इस स्थान से हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लिए बसों का संचालन होता है।
- पुराना रोडवेज बस स्टैंड (रेलवे स्टेशन के पास): यहाँ से हरिद्वार, देहरादून, मुज़फ्फरनगर, मेरठ और गाज़ियाबाद के लिए बसें चलती हैं।
इन तीनों बस अड्डों पर यात्रियों के लिए पर्याप्त सुविधाएँ नहीं हैं। कुछ समय पहले, बीजेपी विधायक राजीव गुंबर ने काशीराम कॉलोनी स्थित बस अड्डे का निरीक्षण किया था और इसकी बदहाली पर रोडवेज अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके बाद कुछ सुधार किए गए थे, लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं है।
जनता की सरकार से मांग
सहारनपुर के लोग सरकार से एक स्थायी और आधुनिक बस अड्डे की मांग कर रहे हैं, जहाँ सभी सुविधाएँ उपलब्ध हों। उनका कहना है कि तीन अलग-अलग जगहों से बसों का संचालन होने से उन्हें अनावश्यक रूप से भटकना पड़ता है। इसके अलावा, लोग सरसावा हवाई अड्डे से जल्द से जल्द हवाई सेवाएँ शुरू करने की मांग भी कर रहे हैं। नागरिकों का मानना है कि इन सुविधाओं के शुरू होने से जिले के विकास को गति मिलेगी और उनकी रोजमर्रा की जिंदगी आसान होगी।