OBC: यूपी में निकाय चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेयर और अध्यक्ष सीटों की नए सिरे से आरक्षण की कवायद मंगलवार को शुरू कर दी गई।अधिनियम और नियमावली में संशोधन के बाद पिछले चुनावों में अब तक हुए सभी आरक्षण को शून्य मानते हुए वर्ष-2023 के लिए सीटों का आरक्षण नए सिरे से किया जाएगा। इस हिसाब से रोटेशन यानी चक्रानुक्रम इस पर लागू नहीं होगा। इसीलिए आरक्षण पूरी तरह से बदलना तय माना जा रहा है। इससे अनारक्षित रहने वाली सीटें ओबीसी कोटे में जाने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदेश में इस बार नगर निगम मेयर की 17, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की 199 और नगर पंचायत की 544 सीटों पर चुनाव होना है। सीटों के आरक्षण के आरक्षण जातीय आबादी के हिसाब से किया जाता है। एसटी महिला, एसटी, एससी महिला, एससी, ओबीसी महिला, ओबीसी, महिला और अनारक्षित रखी जाती हैं। महिलाओं के लिए एक तिहाई से अधिक सीटें आरक्षित नहीं हो सकती हैं।
वर्ष-2022 में चुनाव के लिए इसके आधार पर ही सीटों का आरक्षण किया गया था लेकिन हाईकोर्ट में मामला फंसने के बाद इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर पांच दिसंबर 2022 को आरक्षित सीटों की अनंतिम अधिसूचना को अब रद्द कर दिया जाएगा। इसके स्थान पर नए सिरे से सीटों का आरक्षण किया जाएगा। नई व्यवस्था और नए सिरे से सीटों के आरक्षण में
बड़ा उल्टफेर होना तय माना जा रहा है। आबादी के आधार पर इस बार ओबीसी के हिस्से में अधिक सीटें जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। नए सिरे से सीटों का आरक्षण होने से यह तय
माना जा रहा है कि इस बार पिछले आरक्षण के हिसाब से
चुनावी तैयारियों में लगे नेताओं के हाथ मायूसी आ सकती है।
दिसंबर-2022 में ये हुई थीं सीटें आरक्षित
मेयर के लिए आरक्षित सीटें-17
एससी महिला एक
एससी एक
ओबीसी महिला दो
ओबीसी दो
महिला तीन
अनारक्षित आठ
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की सीटें-199
एससी महिला 9
एससी 18
ओबीसी महिला 18
ओबीसी 36
महिला 40
अनारक्षित 78
नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटें-544
एससी महिला 25
एससी 49
ओबीसी महिला 49
ओबीसी 97
महिला 107
अनारक्षित 217