अर्जुन सिंह
आगरा । थाना ट्रांसयमुना क्षेत्र में पत्रकार बनकर ठगी करने वाले तीन आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की पहचान अनिल चौधरी, मनोज कुमार और रूपेंद्र चौधरी के रूप में हुई है।
पीड़ित योगेश ने बताया कि उनके भाई को लखन हत्याकांड में पुलिस ने उठाया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपी उनके घर पहुंचे और खुद को पत्रकार बताकर उनसे कहा कि उनके भाई को पुलिस से छुड़ाने के लिए पैसे की जरूरत है। आरोपियों ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वे उनके भाई को पुलिस से छुड़ा देंगे।
पीड़ित योगेश ने बताया कि वह आरोपियों के झांसे में आ गए और उन्हें 40,000 रुपये दे दिए। इसके बाद आरोपी उन्हें यहाँ से वहाँ घुमाते रहे। जब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
आरोपियों के हौसले बुलंद
मुकदमा दर्ज होने से बौखलाकर एक कथित पत्रकार अनिल चौधरी ने पीड़ित योगेश के मित्र अमरदीप को फोन कर गंदी-गंदी गालियाँ देने लगा और जेल से आकर देख लेने की धमकी तक दे डाली। पीड़ित अमरदीप ने थाने पर आरोपी अनिल चौधरी के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया है।
टिफ़िन बांटने वाला बना दलाल
रूपेंद्र चौधरी नाम का व्यक्ति क्षेत्र में थाने चौकियो पर टिफ़िन बाँटने का काम करता है जिस कारण पुलिस का भी नजदीकी है इसी बात का नाजायज फायदा उठाकर पीड़ित परिवार से पैसों की वसूली कर ली गई।
कल का जुआरी आज बना पत्रकार
कल तक क्षेत्र में जुआरी के नाम से मशहूर आज खुद का परिचय पत्रकार के रूप में देकर अपना दबदबा बनाता है और थाने से लेकर चौकियो तक पूरा दिन चक्कर लगाता रहता है।
सबसे मुख्य बात यह है कि अनिल चौधरी बरहन थाना क्षेत्र का रहने वाला है वहाँ भी पहले से उस पर कई मुकदमे दर्ज है और पहले भी कई बार जेल जा चुका है। पुलिस के डर से बरहन थाना क्षेत्र छोड़कर दूसरी जगह रह रहा है और दलाली करने के लिए ट्रांसयमुना क्षेत्र में थाने से लेकर चौकियो पर पूरी तरह सक्रिय रहता है। थाने के बाहर खड़े पीड़ितों से बात करके खुद का परिचय पत्रकार के रूप में बताता है जबकि सूचना अधिकारी के यहाँ इसका कोई नाम दर्ज नहीं है।
आखिर किसके संरक्षण में यह सब खेल चल रहा है और पीड़ितों से खुलेआम दलाली की जा रही है। यह सबसे मुख्य चर्चा का विषय है कि जब सूचना अधिकारी के यहाँ नाम नही दर्ज है तो भला यह लोग खुद को पत्रकार बताकर पत्रकारिता को बदनाम कैसे कर रहे हैं। आठवी पास अनिल चौधरी और उसका साथी मनोज किसी अन्य थाना क्षेत्र नहीं जाते और न ही किसी अन्य पुलिसकर्मी उन्हें जानता है।
मनोज मूल रूप से एत्मादपुर क्षेत्र का रहने वाला है और ट्रांसयमुना क्षेत्र में किराए पर रह रहा है। मनोज पहले फैक्टरियों में नौकरी किया करता था लेकिन बाद में जुआ खेलने लगा। पुलिस ने पहले भी इसको जुआ खेलते में पकड़ा है और जेल भी भेजा है। खुद को पत्रकार बताकर अब दलाली करने में सक्रिय है और पीड़ितों को धमकाकर पत्रकार होने का दबाब बनाकर उनके पैसा ऐंठ कर पत्रकारिता को बदनाम कर रहा है।