बिजली उपभोक्ताओं को इस साल तगड़ा झटका लग सकता है। बिजली कंपनियों ने 2023-24 के लिए सभी श्रेणियों की बिजली दरों में कुल 15.85 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की है। सबसे ज्यादा 18 से 23 प्रतिशत की वृद्धि घरेलू श्रेणी में प्रस्तावित है। उद्योगों के लिए 16, वाणिज्यिक के लिए 12 तथा कृषि के लिए 10-12 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
इसके अलावा बीपीएल श्रेणी में लाइफलाइन उपभोक्ताओं की दरों में भी 17 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। बिजली कंपनियों की ओर से सोमवार को नियामक आयोग में 2023-24 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) व टैरिफ प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया। नियामक आयोग इसका परीक्षण कर स्वीकार करने के बारे में निर्णय लेगा। इसके बाद औपचारिक रूप से दरों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू होगी।
चूंकि बीते तीन वर्षों से बिजली दरों में इजाफा नहीं हुआ है, इसलिए इस बार बिजली कंपनियों ने घाटे की दुहाई देते हुए दरों में वृद्धि प्रस्तावित की है। कंपनियों ने 2023-24 के लिए 92,547 करोड़ रुपये का एआरआर दाखिल किया है। इसमें वितरण लाइन हानियां 14.9 प्रतिशत बताई गई हैं। एआरआर के अनुसार 2023-24 में कुल घाटा 22,740 करोड़ रहने का अनुमान है, लेकिन सरकार से मिलने वाली 13,600 करोड़ रुपये की सब्सिडी के बाद घाटा 9,140 करोड़ रह जाएगा। कंपनियों ने 2023-24 में 1,34,751 मिलियन यूनिट बिजली खरीद की बात भी कही है।