नोकझोंक और विरोध
पुलिस द्वारा रोकने के बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। युवजन सभा के पूर्व महानगर अध्यक्ष आमिर आबिद, लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष तरुण वाल्मीकि, छात्र नेता इमरान पठान और जुबेर गाजी सहित अन्य पदाधिकारी सिविल लाइन थाने के लिए रवाना हुए। लेकिन पुलिस ने उन्हें कलेक्ट्री चौराहे पर रोक लिया।
इस घटनाक्रम की जानकारी समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद घोसी और जिला महासचिव मनोज यादव को हुई। जैसे ही वे सिविल लाइन थाने पहुंचे, धीरे-धीरे समाजवादी पार्टी के पार्षद और कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा होने लगी। अंततः पुलिस क्षेत्राधिकार के माध्यम से राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
नेताओं के बयान
महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद घोसी ने कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है।” जिला महासचिव मनोज यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा छात्रों की आवाज को दबाने का काम किया है।”
सामाजिक छात्र सभा के महानगर अध्यक्ष ने कहा, “कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित था। इस तरह रोकना छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास है। भाजपा सरकार पूरी तरह से छात्र विरोधी है।”
युवजन सभा के पूर्व महानगर अध्यक्ष आमिर आबिद ने कहा, “पुलिस द्वारा इस तरह हिरासत में लेना पूरी तरह से दमनात्मक कार्रवाई है। हम जल्द ही छात्रों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे।”
NSUI के प्रदेश महासचिव हनी यादव ने कहा, “सरकार छात्रों की मांगों पर ध्यान देने के बजाय दमन पर उतारू है और लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।”
उपस्थित नेता
इस दौरान समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव राजेश सैनी, पार्षद नईम, अकील अल्वी, शाकिर, तारिक, महानगर उपाध्यक्ष प्रभात सविता, यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष हसमुद्दीन अल्वी, छात्र सभा के महासचिव दुर्गेश यादव, और अन्य कई नेता भी मौजूद रहे।