उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में खुलेआम रिश्वत लेते दो दारोगा का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। इस वीडियो के सामने आते ही पुलिस अधीक्षक (SP) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों सब-इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया है।
भदोही, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें कोतवाली परिसर के अंदर दो दारोगा खुलेआम रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो एसपी अभिमन्यु मांगलिक तक पहुंचते ही उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपी सब-इंस्पेक्टर दिलशाद खान और सुभाष बौद्ध को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
क्या है वायरल वीडियो में?
वायरल वीडियो में भदोही कोतवाली में तैनात सब-इंस्पेक्टर दिलशाद खान 500 के कई नोट अपने हाथों में दबाए दिख रहे हैं। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “दूसरे दरोगा साहब (सुभाष) को भी रुपए दो, इतने कम में नहीं हो पाएगा।” इस पर दूसरे दारोगा सुभाष बौद्ध कहते हैं, “तुम्हारे सामने उन लोगों को पीटा है।” इसके बाद नोट देने वाला एक वृद्ध व्यक्ति 500 रुपये के कुछ और नोट निकालकर सब-इंस्पेक्टर सुभाष को देता हुआ दिखाई दे रहा है। यह पूरा मामला किसी भूमि विवाद को सुलझाने के लिए लेनदेन से जुड़ा बताया जा रहा है।
SP ने दिए जांच के आदेश, भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
एसपी अभिमन्यु मांगलिक ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वीडियो उनके भी संज्ञान में आया है और वायरल वीडियो के आधार पर दोनों दारोगा को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शुभम अग्रवाल को सौंपी गई है। एसपी मांगलिक ने स्पष्ट किया कि पूरी रिपोर्ट आने के बाद दोनों आरोपी दारोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस की छवि पर उठे सवाल
कोतवाली में पुलिस अधिकारियों के खुलेआम रिश्वत लेने का वीडियो सामने आने से लोग हक्के-बक्के रह गए हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि दारोगा दिलशाद खान एक नंबर का रिश्वतखोर पुलिसकर्मी है। उसने यह भी आरोप लगाया कि दिलशाद खान किसी न किसी बहाने से पैसे ऐंठता था और उसने इलाके के कई दुकानदारों से भी रिश्वत ली है।
यह वायरल वीडियो कुछ दिन पहले का बताया जा रहा है, जो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जानकारी के अनुसार, पहले इसकी शिकायत थाने में की गई थी, लेकिन थाने स्तर पर सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया और उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया। यह घटना उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।