लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सरकारी आदेश को लेकर सख्त रुख अपनाया है, जिसमें ग्राम पंचायत की भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए जाति और धर्म का उल्लेख किया गया था। सीएम ने इस आदेश को पूर्वाग्रह से प्रेरित और असंवैधानिक मानते हुए इसे तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्देश दिया। साथ ही, इसके लिए जिम्मेदार संयुक्त निदेशक (पंचायती राज), सुरेंद्र नाथ सिंह, को निलंबित कर दिया गया है।
क्या था आदेश में?
पंचायती राज विभाग द्वारा जारी यह पत्र प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, मंडलीय उपनिदेशकों और जिला पंचायत राज अधिकारियों को भेजा गया था।
इसमें ग्राम पंचायतों की सार्वजनिक भूमि जैसे कि ग्राम सभा, तालाब, खलिहान, श्मशान आदि से अवैध कब्जे हटाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, इस पत्र में यादव जाति और मुस्लिम धर्म के लोगों द्वारा किए गए कथित कब्जों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया था, जिस पर कई स्तरों पर आपत्ति जताई गई।
सीएम योगी ने दी कड़ी चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लिया और कहा कि सरकारी नीतियां किसी भी समुदाय या वर्ग के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकतीं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून का शासन सभी के लिए समान है और कोई भी कार्रवाई सिर्फ तथ्यों और नियमों के आधार पर होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर।
सीएम ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में किसी भी सरकारी पत्र में ऐसी भाषा का प्रयोग न किया जाए, जो सामाजिक सद्भाव को प्रभावित कर सकती हो। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि निर्णय लेते समय संवैधानिक मूल्यों और निष्पक्षता का पूरी तरह से पालन किया जाए।