लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने राज्य के 10 लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रशिक्षण देने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश को एआई के हब के रूप में विकसित करना है, जिससे युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस महत्वपूर्ण योजना को साकार करने के लिए योगी सरकार ने माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, गुवी, एचसीएल, वाधवानी और वन एम वन बी जैसी प्रतिष्ठित आईटी कंपनियों के साथ साझेदारी की है। ये कंपनियां विभिन्न स्तरों पर लोगों को एआई का प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों, नर्सों, तकनीकी पेशेवरों और किसानों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जाएगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य युवाओं को रोजगार के लिए सक्षम बनाना है। उनका मानना है कि एआई के प्रशिक्षण से राज्य के प्रशासनिक ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ेगा, जिससे कार्यकुशलता और उत्पादकता में सुधार होगा। सरकार की कोशिश है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिक डिजिटल और तकनीकी कौशल में दक्षता हासिल करें, ताकि वे बदलते समय के साथ कदमताल मिला सकें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत, गुवी कंपनी 3500 से अधिक प्रशिक्षित प्रशिक्षकों के माध्यम से ऑफलाइन प्रशिक्षण प्रदान करेगी। इसके लिए पहले प्रशिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, वाधवानी कंपनी वरिष्ठ शिक्षकों को ऑफलाइन और कनिष्ठ शिक्षकों व छात्रों को ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान करेगी। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए गुरुमित्र एलएमएस प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा।
वन मिलियन वन बिलियन कंपनी आईबीएम, ओप्पो और मेटा जैसी दिग्गज कंपनियों के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी। ये आईटी कंपनियां मशीन लर्निंग और डेटा विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। प्रशिक्षण के दौरान एआई का शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, कृषि और शासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। योजना के प्रारंभिक चरण में, पहले दो महीनों में प्रशिक्षकों की नियुक्ति और पाठ्यक्रम की तैयारी का कार्य पूरा किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के तीसरे महीने से पूरे राज्य में प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
आईटी विभाग की विशेष सचिव नेहा जैन ने शुक्रवार को इस संबंध में विस्तृत आदेश सभी संबंधित विभागों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को भेज दिए हैं, ताकि इस महत्वाकांक्षी योजना को समयबद्ध तरीके से लागू किया जा सके और प्रदेश के 10 लाख लोगों को एआई के क्षेत्र में कुशल बनाकर उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।