आगरा: यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के बैनर तले ब्लॉक खंदौली का त्रिवर्षीय अधिवेशन हुआ, जिसमें नवीन कार्यकारिणी का निर्वाचन भी किया गया। इस अधिवेशन की अध्यक्षता यूटा के जिलाध्यक्ष केशव दीक्षित ने की, जबकि मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कोषाध्यक्ष वीपी बघेल ने किया।
प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने साफ कहा कि परिषदीय शिक्षकों से गैर-शिक्षण कार्य तुरंत हटाए जाने चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “गुणवत्तापरक शिक्षा” की बात तब ही की जा सकती है, जब शिक्षक ऐसे गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त हों, जिनमें बीएलओ, बाल गणना, आर्थिक गणना और हाउसहोल्ड सर्वे जैसे डेढ़ दर्जन कार्य शामिल हैं।
जिलाध्यक्ष केशव दीक्षित ने आरटीई की गलत व्याख्या के खिलाफ भी आवाज उठाई, जो कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के पदों को समाप्त करने की विभागीय नीति का समर्थन करती है।
अधिवेशन में सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया और चुनाव पर्यवेक्षक धर्मेन्द्र चाहर और चुनाव अधिकारी अशोक जादौन की देखरेख में सभी 17 पदों के लिए एक-एक नामांकन प्राप्त हुआ। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में रमाशंकर पाराशर को सर्वसम्मति से ब्लॉक अध्यक्ष, भुजवेंद्र सिंह को महामंत्री और विवेक अग्रवाल को कोषाध्यक्ष चुना गया।
अन्य पदाधिकारियों में कोमल सिंह (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), ममता शर्मा, संजू सिसोदिया, शर्मीला तिवारी (उपाध्यक्ष), प्रीति शिवहरे (संगठन मंत्री), शिल्पा सिंघल (प्रवक्ता), और अन्य शामिल हैं।
ब्लॉक के शिक्षकों ने पूर्व अध्यक्ष मनोज कुमार मुदगल और अमित राजौरिया के नेतृत्व में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया।
इस अवसर पर अनेक शिक्षाविदों और स्थानीय नेताओं ने भाग लिया, जिसमें एस के सिंह,राज बहादुर सिंह, सुनील धनगर ,जागृति शर्मा ,प्रभा तिवारी ,प्रवेश शर्मा, दीपमाला मिश्रा अन्नपूर्णा त्यागी चारु मित्रा ,अभय सिंह, अनिल शर्मा, मंजरी सिंह, आरती जैन, हर्षा अग्रवाल, ममता कुमारी, प्रतिमा कुशबाह, बबीना बानो, नामित गुप्ता, प्रार्थना मिश्रा, विजय यादव, अजय शर्मा ,दीपक वर्मा, मनोज कुमार और अन्य प्रमुख लोग शामिल थे।
यूटा के इस अधिवेशन ने स्पष्ट रूप से शिक्षकों की समस्याओं को उजागर किया और गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए आवश्यक बदलावों की मांग की।