टीकाकरण: बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने का अचूक उपाय, आगरा में कार्यशाला

Rajesh kumar
4 Min Read

आगरा में वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज सर्विलांस वर्कशॉप आयोजित। जानें कैसे टीकाकरण बच्चों को डिप्थीरिया, खसरा, पोलियो जैसी बीमारियों से बचाता है। डब्ल्यूएचओ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में टीकों के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

आगरा। जनपद में गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित की जाने वाली सबसे आम और गंभीर वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों से संबंधित जिला स्तरीय वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज सर्विलांस वर्कशॉप का आयोजन संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आगरा डॉ. ज्योत्सना सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आगरा के एक होटल में हुआ।
इस मौके पर संयुक्त निदेशक (जेडी) डॉ. ज्योत्सना ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम टीकों की मदद से बच्चों को कई गंभीर बीमारियों बचाव कर सकते हैं। बच्चों के टीकाकरण के समय अभिभावकों को यह जानकारी जरूर देनी चाहिए कि कौन सा टीका लगाया गया है और किस बीमारी से बच्चों का बचाव करेगा । माता-पिता को बच्चों को समय से टीकाकरण करने के लिए अवश्य प्रेरित करें और समझाएं कि अपने बच्चों को स्वस्थ रखने में मदद करे, इसलिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करना हमारे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

See also  शिक्षक दिवस पर समत्व फाउंडेशन ने 55 शिक्षकों को किया सम्मानित

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम हमारे देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं और गर्भवती को टीके-रोकथाम योग्य बीमारियों से बचाव करना है, जिससे अंडर-5 मृत्यु दर में कमी आती है। टीकाकरण के महत्व को समझने के लिए, यह जानना जरूरी है कि टीके कैसे काम करते हैं, जिससे वे बीमारी का कारण नहीं बनते हैं। जब हम टीका लगवाते हैं, तो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली उस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हो जाती है।

See also  आगरा रेलवे डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर पर भ्रष्टाचार के आरोप, रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि टीकाकरण के माध्यम से डिप्थीरिया, खसरा, पोलियोमाइलाइटिस, रुबेला, टेटनस जैसी बैक्टीरियल व वायरल बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर विकल्प है। हम सभी को इसे अपनाना चाहिए। अन्यथा यह रोग होने पर गंभीर परिणामों को भुगतना पड़ता है। इस मौके पर डॉ. अर्बन नेशनल हेल्थ मिशन के नोडल अधिकारी डॉक्टर धर्मेश्वर श्रीवास्तव ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी अपने कार्य क्षेत्र के बच्चों व गर्भवती का शत प्रतिशत टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें।

कार्यशाला की प्रतिभागी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि आयोजित प्रशिक्षण में वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज के बारे में अद्यतन जानकारी मिली और वे अपने क्षेत्र में इन बीमारियों की निगरानी में और भी सुधार कर सकेंगी साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को भी इन बीमारियों के प्रति जागरूक जागरूक करेगी।

कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, चिकित्सकों और इम्यूनाइजेशन ऑफिसर (आई.ओ) सहित 63 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षित के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी ने वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज जैसे डिप्थीरिया, खसरा, काली खांसी, पोलियोमाइलाइटिस, रूबेला और टिटनेस पर चर्चा की। उन्होंने इन बीमारियों के लक्षणों, निदान और उपचार पर जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यशाला में डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, डॉ. एसके राहुल, अर्बन कोऑर्डिनेटर आकाश गौतम व अन्य मौजूद रहे।

See also  एएसपी पश्चिमी ने किया परीक्षा केंद्रों का भ्रमण

कुछ महत्वपूर्ण टीके:

हैपेटाइटिस बी: जन्म के समय दिया जाने वाला टीका
डिप्थीरिया, टिटनेस, पोलियो: बचपन में दिए जाने वाले टीके
काली खांसी: बचपन में दिया जाने वाला टीका
रूबेला: गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण टीका

 

 

 

 

See also  आगरा रेलवे डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर पर भ्रष्टाचार के आरोप, रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *