आगरा: ‘एचएसबीसी ताज-ओ-ताज’ के दूसरे और अंतिम दिन ताज महल के पार्श्व में पद्मश्री पूर्ण चंद वडाली, लखविंदर वडाली और उनके साथियों ने शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत अमीर खुसरो के कलाम ‘किरपा करो महाराज’ से की। इसके बाद, उन्होंने ‘जैसे मेरी ईद हो गई’, ‘चरखा’ और उनकी प्रसिद्ध रचना ‘तू माने या ना माने दिलदारा’ जैसे गीतों से दर्शकों का मन मोह लिया। डेढ़ घंटे तक चले उनके मधुर संगीत का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया।
जाकिर हुसैन को समर्पित ‘धा’
वडाली ब्रदर्स से पहले, विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन को समर्पित ‘धा’ कार्यक्रम की प्रस्तुति उनके छोटे भाई तौफीक कुरैशी और शिखर कुरैशी ने जेंबे और जैज ड्रम पर तीन ताल में निबद्ध कई तोड़े, टुकड़े और तिहाइयों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हारमोनियम पर लहरा संगत अभिनय रवंदे ने दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, पीएसी सेना नायक नरेंद्र कुमार सिंह, अरुण डैंग और राजीव सक्सेना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर अभिनव मौर्य, मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह, अनिल शर्मा, देव शर्मा और इज़्यूलिक्स सॉफ्टवेयर के संस्थापक अरविंद सेनी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आयोजन
‘एचएसबीसी ताज-ओ-ताज’ कार्यक्रम के दो दिवसीय आयोजन में पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन की दुर्गा जसराज और नीरज जेटली की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सुधीर नारायण कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक थे।