शिकायतकर्ता ने बाबू पर भ्रष्टाचार में संलिप्त रहकर दोषी को बचाने का लगाया आरोप
आगरा। लगातार चर्चाओं के केंद्र में रहने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी और बाबू के खिलाफ विजिलेंस में दर्ज हुई शिकायत से हड़कंप मच गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बाबू ने भ्रष्टाचार में संलिप्त रहकर दोषी को बचाने का प्रयास किया है।
शिकायतकर्ता जमील कुरैशी पुत्र बहावुद्दीन निवासी किरावली ने विजिलेंस, जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को शिकायत सौंपी है। शिकायत में विभाग के कनिष्ठ बाबू और बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जमील कुरैशी का आरोप है कि ब्लॉक पिनाहट के बघरैना स्थित परिषदीय विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक अब्दुल रज्जाक ने कूटरचित दस्तावेजों की मदद से नौकरी हासिल की। उच्चाधिकारियों द्वारा कराई गई जांच में अब्दुल रज्जाक को दोषी पाया गया और उसके निलंबन एवं बर्खास्तगी के आदेश दिए गए थे। लेकिन कनिष्ठ बाबू ने बीएसए की मदद से उच्चाधिकारी के आदेश को नजरअंदाज कर दिया और अब्दुल रज्जाक का निलंबन करने के बाद पुनः जांच शुरू करवा दी। पुनः जांच में भी अब्दुल रज्जाक दोषी साबित हुआ, फिर भी उसे बचाने का प्रयास जारी रहा और उसकी बर्खास्तगी के लिए विज्ञापन जारी नहीं किया गया। अंततः गुपचुप तरीके से अब्दुल रज्जाक को बहाल कर दिया गया।जमील कुरैशी के अनुसार, इस पूरे प्रकरण में कनिष्ठ बाबू ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। मामले की गंभीर जांच के लिए शिकायत विजिलेंस, जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी गई है।
चर्चाओं के केंद्र में रह चुका विवादित बाबू
जिस कनिष्ठ बाबू के खिलाफ जमील कुरैशी ने शिकायत दर्ज की है, वह विभाग में बेहद चर्चित है। उसके खिलाफ पहले भी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। वह नियम विरुद्ध तरीके से मुख्यालय पर अटैचमेंट पर तैनात है, जबकि उसकी मूल तैनाती फतेहाबाद बीआरसी पर कनिष्ठ बाबू पद पर है। अपने पद के सापेक्ष, उसे मुख्यालय पर बहुत महत्वपूर्ण पटल पर तैनाती मिली हुई है।एंटी करप्शन टीम ने उसे भ्रष्टाचार में रंगे हाथों पकड़ा था, विगत में उक्त बाबू निलंबित हुआ था, इसके बावजूद वह मुख्यालय पर निलंबन बहाली के पटल का कार्य देख रहा है।