लाखों की लागत से बने ग्राम सचिवालय बन गए कूड़ा दान!

Dharmender Singh Malik
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जसराना क्षेत्र के ब्लॉक एका की ग्राम पंचायत नगला गवे का है मामला

योगी सरकार के आदेश अनुसार सभी ग्राम पंचायतों पर ग्राम पंचायत सचिवालय का निर्माण किया गया था। इनका उद्देश्य था कि प्रधान एवं सचिव की उपस्थिति से ग्राम विकास एवं ग्रामीणों को सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ सही से प्राप्त हो सके।

लेकिन कुछ ग्राम पंचायतों पर ग्रामीणों को किसी भी योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इसका कारण ग्राम पंचायत सचिवालयों पर प्रधान एवं सचिव की उपस्थिति न होना है।

यहां तक कि कुछ सचिवालयों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है। लाखों की लागत से बने कुछ सचिवालय अधूरे पड़े हुए हैं, जबकि सरकारी कागजों में इनका कार्य पूर्ण दिखाया गया है।

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आरोप है कि सचिव एवं ग्राम प्रधान द्वारा पूरे लागत की धनराशि निकाल कर घोटाला किया गया है। ब्लॉक एवं तहसील जिला स्तरीय अधिकारियों की नजरों से दूर ऐसे ग्राम सचिवालय एवं ग्राम विकास की योजनाएं कागजों में पूर्ण दिखाई जाती हैं।

कोई भी अपराधिकारी ऐसे लोगों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। इसका उदाहरण ग्राम पंचायत नगला गवे ग्राम सचिवालय देखने को मिला है।

इसी तरह नगला धीर, गढी सोनई, एवं अन्य ग्राम सचिवालय भी अधूरे पड़े हुए हैं।

ग्राम सचिवालयों पर सचिव एवं ग्राम प्रधान की उपस्थिति न होने से ग्रामीण परेशान हैं। अधिकारियों के सचिवालय पर न पहुंचने से कई गांव का विकास का कोई भी शोध नहीं है।

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नाली खरंजे, पेंशन एवं अन्य सरकारी योजनाओं के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक एवं तहसील के हजारों चक्कर लगाने पड़ते हैं, फिर भी कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं होता।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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