आगरा। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ में विद्रोह के स्वर फूटने लगे हैं। संगठन महामंत्री पर तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए एक पदाधिकारी ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
विश्वविद्यालय के चार्ट रूम प्रभारी शिव सिंह ने कुलपति प्रोफेसर डॉ. आशू रानी को भेजे पत्र में संगठन महामंत्री आनंद कुमार उर्फ टाइटलर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि संगठन महामंत्री अनुचित दबाव बनाकर तरह-तरह से धमकियां देते हैं। मीडिया में अच्छी पहुंच बताते हुए बदनाम करने और एसटीएफ व एसआईटी में फंसवाने की धमकी देते हैं।
इससे आहत होकर शिव सिंह ने विश्व विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पत्र में कहा गया है कि अगर उनके साथ कोई घटना होती है तो उसके लिए संगठन अध्यक्ष को ही जिम्मेदार माना जाए। साथ ही उन्होंने इस संगठन के नए तरीके से चुनाव कराने की मांग की है।
विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक, यह संगठन नियमानुसार नहीं है और न ही संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त है। केवल संगठन के नाम पर अधिकारियों को दबाव में लेकर निजी हित का जरिया बनाया हुआ है। अब देखना होगा कि इस सिरफुटौव्वल के बाद विश्वविद्यालय के सक्षम अधिकारी क्या निर्णय लेते हैं।
पत्र में क्या लिखा है?
शिव सिंह ने अपने पत्र में संगठन महामंत्री आनंद कुमार उर्फ टाइटलर पर निम्नलिखित आरोप लगाए हैं:
- अनुचित दबाव बनाकर तरह-तरह से धमकियां देते हैं।
- मीडिया में अच्छी पहुंच बताते हुए बदनाम करने और एसटीएफ व एसआईटी में फंसवाने की धमकी देते हैं।
- संगठन के नाम पर अधिकारियों को दबाव में लेकर निजी हित का जरिया बनाते हैं।
इस्तीफे के बाद क्या होगा?
शिव सिंह के इस्तीफे के बाद विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ में असंतोष बढ़ सकता है। संगठन के अन्य पदाधिकारी भी इस्तीफा दे सकते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप करना होगा और संगठन के चुनाव नए तरीके से कराने चाहिए।