उटंगन नदी में फिर उठने लगी लहरें, पहुंचा भरपूर पानी

Sumit Garg
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  • सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने रिहावली से अरनौटा तक करवाई ’ ड्रोन मैपिंग ‘

आगरा – उटंगन नदी जहां अपस्ट्रीम (मोतीपुरा गांव-खेरागढ तहसील) से भरपूर जलराशि के साथ बह रही है,वहीं रेहावली गांव (फतेहाबाद विकास खंड)में नदी में यमुना नदी के पानी बैक मारना शुरू कर दिया है।यह स्थिति तब है,जबकि यमुना नदी ने आगरा के जवाहर पुल पर लो फलड लेवल को क्रॉस नहीं किया है।सामान्य तौर पर जब यमुना नदी आगरा में लो फ्लड लेवल पार कर लेती है ,तब वह रेहावली गांव में उटंगन नदी उटंगन नदी में बैक मारना शुरू ती है।है।इसी गांव में उटंगन नदी यमुना नदी में समाती( confluence) है।यमुना नदी में पानी लगातार बढते जाने से उटंगन नदी में पानी वहुंचना अधिक हो जायेगा।फिलहाल रेहावली गांव के क्योरी घाट तक अपस्ट्रीम से आने वाला पानी थमना शुरू हो गया है।
यह जलप्रवाह थमने के साथ ही अपने खादारी विस्तार क्षेत्र में फैलना शुरू हो चुका है।
अगर यमुना नदी में पानी का बढना जारी रहा तो कुछ ही दिन में उटंगन नदी अरनौटा रेलवे पुल तक बैक मारने लगेगी।
यह यमुना नदी के उफान से बैकमारने वाली यह जलराशि डैम बनाकर संचय कर नियंत्रित उपयोग के लिये सर्वथा उपयुक्त है।लेकिन कई साल से चल रहे प्रयासों के बावजूद अब तक नदी पर बांध नाये जाने की योजना शासन तक को नहीं भेजी जा सकी है।

–ड्रौन मैपिंग से स्पष्ट होगा :सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने 17जुलाई 2025 को जलाशय बनाये जाने के लिये उपयुक्त स्थिति एवं सटीक आंकलन के लिये उटंगन और यमुना नदी के संगम स्थल तक की ड्रौन मैपिंग करवायी।अरनौटा पुल से रेहावली गांव तक की इस र्डोन मैपिंग से स्पष्ट हो सकेगा कि प्रस्तावित डैम बनाये जाने से मानसून काल की उपलब्ध विशाल जलराशि का नियंत्रित उपयोग किया जा सकेगा।यही नहीं बांध के रैग्युलेटरों से डूब क्षेत्र किसानों की जरूरत के अनसार व्यवस्थित किया जा सकेगा।

–उटंगन का तल यमुना नदी से 4मीटर ऊंचा है:

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सिंचाई विभाग की अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड अलीगढ़ के द्वारा बांध निर्माण के लिये किये गये 24 मई 2024 को किये गये सर्वेक्षण के अनुसार उटंगन नदी का तल रेहावली गांव में यमुना नदी के समान्य प्रवाह से 04.00 मीटर ऊंचा है।इस प्रकार उटंगन नदी में यमुना नदी का पानी उसी स्थिति में पहुंचना संभव है,जबकि यमुना नदी सामान्य बहाव से न्यूनतम 04.00 से अधिक पर बह रही हो।

–अपस्ट्रीम से भी आ रहा है भरपूर पानी:

जनपद की प्रमुख नदी ‘उटंगन’ जलभरपूरिता के साथ बह रही है।पिछले 20 दिनों से किरावली तहसील के मोतीपुरा गांव(खेरागढ क्षेत्र) के डाउन में जलस्तर दो मीटर से अधिक बना हुआ है, पूरे मानसून काल में अगर वर्षा सामान्य होती है तो जबकि डाउन स्ट्रीम में डिसचार्ज 20 से 80क्यूसेक तक बना रहना अनुमानित है।पार्वती नदी ,वैर्स्टन डिप्रेशन ड्रेन और नगला बिहारी (फतेहाबाद विकास खंड) में आगरा नहर के टर्मिनल राजवाह के डिसचार्जों के योगदान के बाद नदी का फ्लो 200क्यूसेक तक हो गया है।जब भी बांध बन जायेगा तो अपस्ट्रीम से आने वाला यह पानी भी मानसून के बाद के दिनों के लिये संचित रखा जा सकेगा।

–ड्रौन मैपिंग: सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा की टीम के सदस्य के रूप में सक्रिय रहने वाले प्रख्यात फोटो जन्रलिस्ट असलम सलीमी ही उटंगन प्रोजेक्ट की फोटोग्राफी करते रहे हैं,विशाल क्षेत्र के दलदली हो जाने से उत्पन्न होने वाली दिक्कतों को दृष्टिगत वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ललित रजौरा ने ड्रैन मैपिंग कर महत्वपूर्ण योगदान दिया।रेहावली गांव से अरनौटा पुल तक नदियों के आकाशीय चित्रण से प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के उन तमाम यक्ष प्रश्न का समाधान हो जायेगा ,जो कि योजना के लटकते रहने का करण रहे हैं।

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जिला पंचयत अध्यक्ष ने दिये हुए है निर्देश

जिला पंचायत अध्यक्ष डा मंजू भदौरिया ने रेहावली बांध योजना का प्रस्ताव शीघ्रता के साथ तैयार करने का निर्देश दिया हुआ है।उन्होंने कहा है जब वस्तुस्थिति स्पष्ट है और तमाम तथ्यात्मक जानकारियां मौजूद है तो फिर शीघ्रता के साथ प्रस्ताव तैयार किया जाये।जिससे शासन के समक्ष रखा जा सके।डा भदौरिया ने सिंचाई बंधु की बैठक में रेहावली बांध संबधी प्रयासों की प्रगति की जानकारी पूछी थी।

–रेहावली के ग्राम प्रधान श्री लायक सिंह जो कि सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा की टीम के साथ नदियों के तट पर मौजूद रहे,ने कहा कि दो नदियों के तट पर बसावट के बावजूद गांव में पानी का संकट रहता है।उन्होंने कहा कि मानसून थमने के साथ ही उटंगन जलशून्य हो जाती है,यमुना नदी में भी पानी अत्यंत कम हो जाता है।उन्होंने कहा कि सरकार को बांध बनाये जाने का कार्यशीघ्रता के साथ करवाना चाहिये।बांध का जलाशय बहुउपयोगी तो होगा ही साथ ही बटेश्वर तीर्थ के पर्वों में यमुना नदी में पानी डिसचार्ज कर नहाने योग्य भी किया जा सकना भी संभव होगा।

–सिविल सोसायटी आफ आगरा के जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा ने कहा है कि जनपद में गिरता भूजलस्तर सबसे बडी चुनौती है,जब भी उटंगन नदी पर जलसशय बन जायेगा शमाशाबाद,फतेहाबाद,पिनहाट तथा बरौली अहीर विकास खंड के अनेक गांवों को खारे पानी की कमी और जलस्तर में गिरावट से रहात मिल सकेगी।

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जयपुर की बैराठ पहाड़ियों से शुरू होने वाली उटंगन नदी को राजस्थान में गंभीर नदी कहा जाता है।उदगम से रेहावली गांव में यमुना नदी में समाने तक 288 कि मी बहने वाली नदी का खनुआ गांव तक के भाग का(लगभग 222 किमी)प्रबंधन राजस्थान सिंचाई विभाग करता है।जबकि उ प्र सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सिंचाई तृतीय वृत्त के निचला खंड आगरा नहर तहत उटंगन नदी के सिरौली गांव से रेहावली गांव तक के 66 किमी का भाग आता है।
उल्लेखनीय है कि जनपद में नदी की मीठे पानी का स्त्रोत होने के कारण अपने आप में खास महत्व रहा है किंतु राजस्थान के द्वारा खनुआ बांध (रिवर हैंड) को पानी दिया जाना बन्द कर दिये जाने के बाद,नदी को नजरअंदाज कर दिया गया। उटंगन पर फतेहपुर सीकरी -कोटा सैक्शन के अलावा ,आगरा कैंट -धौलपुर और फतेहाबाद-बटेश्वर रेलवे स्टेशन के सेक्शनों के बीच रेलवे के ब्रॉडगेज ट्रैकों की ट्रेनों गुजरने के लिये पुल बने हुए हैं।लम्बे समय तक प्रशासन इन पुलों के खंभों पर स्केल पेंट करवा के नदी का मानसून कालीन गेज मापने के लिये उपयोग करता रहा।लेकिन अब नदी का गेज मापने के लिये कहीं पर भी आधिकारिक स्केल जनसामान्य की पहुंच में नहीं है।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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