आगरा। स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे आगरा में अर्जुन नगर के लक्ष्मण नगर क्षेत्र में चल रहे एक नाला निर्माण ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर नाले का निर्माण सड़क पर किया जा रहा है, जिससे भविष्य में आवागमन और भी मुश्किल हो जाएगा। स्थानीय निवासी इस लापरवाही से बेहद नाराज हैं और नगर निगम के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।
नगर निगम की अनदेखी, और ठेकेदार की मनमानी
लक्ष्मण नगर में नाले का निर्माण शुरू होने से पहले, नगर निगम ने सड़क किनारे हुए अतिक्रमणों को हटाने के लिए लाल रंग से क्रॉस के निशान लगाए थे। इन निशानों को देखकर निवासियों को उम्मीद थी कि निगम अपनी जिम्मेदारी निभाएगा और नाले का निर्माण सही जगह पर होगा। लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट। महीनों बीत जाने के बाद भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं हुई और बिना अतिक्रमण हटाए ही ठेकेदार ने सीधे सड़क पर नाले का निर्माण शुरू कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह काम जनहित में नहीं, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए किया जा रहा है। “रोड को चौड़ा करने के बजाय छोटी करने का सर्टिफिकेट आखिर ठेकेदार साहब को किसने दे दिया?” एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में पूछा। जब निवासियों ने ठेकेदार से इस बारे में बात करनी चाही, तो वह आक्रोशित हो उठा।
क्षेत्रीय निवासियों के लिए सहूलियत या मुसीबत?
निवासी इस बात से चिंतित हैं कि अगर नाला सड़क पर बना, तो भविष्य में गाड़ियों और पैदल चलने वालों के लिए जगह बहुत कम बचेगी। यह निर्माण क्षेत्रवासियों के लिए सहूलियत के बजाय एक बड़ी मुसीबत बन जाएगा। निवासियों ने नगर निगम से मांग की है कि नाला निर्माण कार्य को सही जगह पर कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वे इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करेंगे। उनका मानना है कि अगर इस मामले की सही से जांच हो, तो कई खामियां सामने आ सकती हैं।
कहां है नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ टीम?
यह सवाल उठना लाजिमी है कि हर रोज सड़कों को चौड़ा करने के लिए अतिक्रमण हटाने वाली नगर निगम की टीम लक्ष्मण नगर में क्यों निष्क्रिय है? महीनों पहले निशान लगाने के बावजूद, टीम ने अतिक्रमण हटाने की जहमत नहीं उठाई। इसी लापरवाही का नतीजा है कि नाले का निर्माण सही जगह पर नहीं हो पा रहा है।
स्थानीय निवासियों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की लापरवाही से आगरा को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने की जद्दोजहद को झटका लग रहा है। यह मामला दिखाता है कि योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन उनका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पाता, जिससे आम जनता को परेशानी उठानी पड़ती है।