झांसी, सुल्तान आब्दी: झांसी के गरौठा क्षेत्र में एक बार फिर खनन माफियाओं ने अवैध खनन का डंका बजा दिया है। प्रतापपुरा में बेतवा नदी की जलधारा रोककर और हैवी पोकलैंड मशीनों का इस्तेमाल कर दिन-रात अवैध खनन किया जा रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि खनन माफिया झांसी में निजी भूमि का पट्टा कराकर जिला जालौन की सीमा में अड्डा बनाकर लगातार अवैध खनन कर रहे हैं। ग्रामीण और पर्यावरण कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं कि इन माफियाओं को किसने खुली छूट दे दी है और अधिकारी इस पर आंखें क्यों मूंदे हुए हैं।
निजी भूमि के पट्टे पर नदी से रेत की खुलेआम लूट
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रतापपुरा बालू घाट का पट्टा निजी भूमि, यानी नदी किनारे किसान के खेत से बालू उठाने का हुआ है। लेकिन खनन माफिया इस नियम का उल्लंघन कर सीधे बेतवा नदी के बीच से बालू उठाकर प्रदेश सरकार के राजस्व को सरेआम लूट रहे हैं। जालौन की तरफ से ओवरलोड ट्रकों के जरिए लगातार अवैध खनन जारी है, जिससे झांसी और जालौन दोनों जिलों के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
ग्राम प्रतापपुरा के ग्रामीणों ने बताया कि वे खनन माफियाओं की काली करतूतों से बेहद परेशान हैं। अवैध खनन के कारण गाँव में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है और नदी में गहरे-गहरे गड्ढे हो गए हैं। इससे नदी में जाने वाले लोगों को हमेशा किसी अप्रिय घटना का अंदेशा बना रहता है।
बुंदेलखंड की जीवनदायिनी बेतवा पर मंडरा रहा खतरा
बुंदेलखंड की जीवनदायिनी कही जाने वाली बेतवा नदी की इस दुर्दशा पर अब झांसी और जालौन के जिलाधिकारी से सवाल पूछे जा रहे हैं। क्या वे इस अवैध गतिविधि को रोकने और नदी को बचाने की हिम्मत जुटा पाएंगे, या खनन माफियाओं का सिंडिकेट यूँ ही चलता रहेगा?